सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ राज्य शासन के अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार जिले में उन्नत कृषि तकनीक के नवाचार को बढावा देने के लिये उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह और सहसंचालक ऑचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव डॉ.व्ही.के.पराडकर के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों का दल केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर पहुँचा। इस संस्थान में संचालक डॉ.वाय.जी.प्रसाद, कृषि वैज्ञानिक डॉ.रामकृष्णा व डॉ.रचना पांडे कृषि आदि के साथ कपास उत्पादन व संस्थान में किये जा रहे अनुसंधान, नवाचार आदि के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि संस्थान में कृषि वैज्ञानिक डॉ.रामकृष्णा द्वारा हाई डेनस्टी प्लानटिंग सिस्टम तकनीक के बारे में बताया गया। इस तकनीक में हल्की भूमि पर 90×15 से.मी. व मध्यम हल्की भूमि मे 90×30 से.मी. के अंतराल पर सघन रूप से कम समय अवधि मे पकने वाली हाइब्रिड बीजी-2 कपास बीज की बुआई की जाती है जिसमें औसतन प्रति एकड़ 29000 कपास के पौधे बनकर तैयार हो जाते है। साथ ही उचित फसल केनोपी, उर्वरक खरपतवार, कीट व्याधि प्रबंधन समन्वित फसल पद्धति के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई और संस्थान में संरक्षित जीन बैंक का निरीक्षण किया गया जिसमें 10000 से अधिक कपास फसल की किस्मों का संरक्षण किया गया । यह तकनीक जिले में कपास उत्पादक किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। इस तकनीक को अपनाकर किसान हल्की जमीन मे भी प्रति एकड़ औसतन 10-12 क्विंटल कपास का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
कपास चुनाई के बाद कॉटन स्टॉल्क श्रेडर का उपयोग कर कपास के पौधे को बारीक करते हुये खेत में ही मिलाकर हल्की सिंचाई के बाद ट्राइकोडर्मा विरडी का स्प्रे करने से कपास के डंठल भूमि में ही सड़कर खाद में परिवर्तित हो जाते हैं। यह तकनीक किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी है जिसे अपनाकर किसान को अपने खेत में ही पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त हो जाता है। कृषि वैज्ञानिक श्री सुजित कुम्भारे द्वारा कपास फसल में कीट प्रबंधन एवं बायोलॉजिकल कंट्रोल के बारे में बताया गया। इसके बाद कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों द्वारा केन्द्रीय नींबू वर्गीय फल अनुसंधान केन्द्र नागपुर का भ्रमण किया गया एवं वैज्ञानिकों द्वारा नींबू वर्गीय फसलों की उत्पादन वृद्धि के संबंध में नवीनतम कृषि तकनीकी, उन्नत किस्में व रोग कीट प्रबंधन के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की गई। भ्रमण दल में सहायक संचालक कृषि सर्वश्री धीरज ठाकुर, सचिन जैन, नीलकंठ पटवारी व दीपक चौरसिया सहित पांढुर्णा और सौसर विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी व बीटीएम आत्मा शामिल थे।