वन विभाग के क्षेत्र से निकल रही सैकड़ों ट्रैक्टर रेत
पांढुर्णा :- आदिवासी अंचल की वन विभाग के अंतर्गत आने वाली कन्हान नदी को बेतहाशा लूटा जा रहा है। शाम ढलते ही प्रतिदिन सैकड़ों रेत के ट्रैक्टर भरकर अंबाडा से लावाघोग के दौड़ते नजर आते है। लावाघोगरी और अंबाडा
वन विभाग की नाक के नीचे यह गोरखधंधा बदस्तूर जारी है, सब देखकर भी वन विभाग और पुलिस विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। आदिवासी अंचल के सत्ताधारी गठजोड़ बनाकर इस खेल को अंजाम दे रहे है। यदा कदा खबरे प्रकाशित होने पर कोई कार्यवाही होती भी है तो पकड़े वाहनों को छुड़ाने दबंग सत्ताधारी पहुंच जाते है। मिली जानकारी की अनुसार बीती रात भी कुछ ऐसा ही हुआ जब नारायणघाट चौकी में पदस्थ नाकेदार आशुतोष शर्मा द्वारा एक सत्ताधारी का ट्रैक्टर कन्हान से भरकर निकलते हुऐ पकड़ा तो महोदय देर रात पहुंचकर अपना ट्रैक्टर वापस ले गए। नाकेदार द्वारा ट्रैक्टर पकड़ने के फोटो और वीडियो वायरल होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई और इस संबंध में वन विभाग के डिप्टी रेंजर श्री सनोडीया कोई जानकारी नहीं दे पा रहे है।
वही कुछ भोले भाले स्थानीय आदिवासियों पर जरूर ये दबंग दबाव डालकर कार्यवाही करवाते है, जो अपने निजी उपयोग के लिए यदा कदा जाते है। वन विभाग और पुलिस अधिकारियो पर दबाव डाला जाता है, ताकि स्वयं का काम चल सके। अवैध रेत उत्खनन और अन्य अवैध गतिविधियों को लेकर स्थानीय गांव वालो में विरोध पनप रहा है, बाहरी लोगो के नारायणघाट में रात भर धमाचौकड़ी करने से गांव वाले त्रस्त हो चुके है। नारायणघाट में अवैध उत्खनन को अब कुछ सत्ताधारियों ने संगठित रूप दे दिया है, जो अब सौसर की रेत खदानों को भी टक्कर दे रहे है। नारायणघाट से रेत अंबाडा, नांदनवाडी, लावाघोगरी, कराघाट कामठी, मैनिखापा, सावरी, मोहखेड़, पाठई तक पहुंचाई जा रही है। नारायण घाट की कन्हान के दोनो घाटों से सैकड़ों रेत से भरे ट्रैक्टर निकल रहे है और रोज लाखो के राजस्व की हानि हो रही है।