जब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज बिक नहीं रही है तो सिर्फ समर्थन मूल्य की घोषणा करने से फयदा क्या:किसानों की आवाज बुलंद
सतपुड़ा एक्सप्रेस:(लेखन-आलोक सूर्यवंशी) न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा तभी सार्थक होगी जब किसानों की उपज वास्तव में उस घोषित MSP मूल्य पर खरीदी जाए। यदि सरकार केवल MSP की घोषणा कर दे और बाजार या सरकारी खरीद केंद्रों पर उस दाम पर खरीदारी न हो, तो किसानों को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलता।
2025-26 के लिए मक्के का समर्थन मूल्य 2400 घोषित है
मक्का का समर्थन मूल्य घोषित है पर मंडी में मिल रहा रिस्पॉन्स निराशाजनक है 2025-26 के लिए मक्के का समर्थन मूल्य 2400 घोषित है किन्तु मंडी में 1000/1500 रुपए तक मक्का बिक रहा है
कॉर्न सिटी के नाम से प्रसिद्ध छिंदवाड़ा के किसानों का दर्द मक्का का कम मूल्य पर मंडियों में बिकने से छलक उठा हैं जहां एक तरफ किसान बेमौसम बारिश बढ़ती लागत से परेशान है वहीं उपज के दाम नहीं मिल रहे हैं जिला से समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीदी हो या भावांतर राशि किसानों को सीधे खातों में मिले ऐसी मांग सरकार से की जा रही है
MSP पर कानूनी गारंटी की मांग
MSP पर खरीद सुनिश्चित करने के लिए किसानों द्वारा कानून बनाने की मांग वर्षों से सरकार से की जा रही है।कुल मिलाकर, सिर्फ MSP की घोषणा से कुछ हासिल नहीं होगा, जब तक उसकी गारंटी वाले तंत्र को मजबूत नहीं किया जाए।इन MSP दरों से किसानों को कम-से-कम एक भरोसेमंद आधार मिलता है कि उनकी उपज बुनियादी मूल्य से नीचे नहीं बिकेगी।धान एवं गेहूं जैसे मुख्य अनाजों पर यह बढ़ोतरी उन्हें बाज़ार की अस्थिरता और नीचे बिकने के दबाव से दूर रखने का काम करेगी।यदि सरकारी खरीद व्यवस्था सही से काम करे, तो किसानों का आर्थिक भरोसा बढ़ सकता है किंतु किसानों को MSP से कम दर पर अपनी उपज को बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है
देश में कृषि-मंडल में आज एक बड़ी घोषणात्मक लकीर खिंच गई है केंद्रीय संकल्प अधूरा — किसानों की आय दोगुनी अभी तक नहीं
वर्ष 2017-18 भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने का संकल्प पारित किया था किंतु आज वर्ष 2025 तक भी किसानों की की आय दोगुना करने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए है
मध्य प्रदेश में भी वादे अधूरे
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी संकल्प में 2700 रूपये क्विंटल गेहूं और 3100 रूपये क्विंटल धान को MSP पर खरीद की घोषणा की थी किंतु किसानों को यहां भी निराशा का ही सामना करना पड़ रहा है
सरकार ने 2025-26 खरीफ विपणन सीजन के लिए धान (सामान्य / Grade A) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹ 2,369 प्रति क्विंटल (सामान्य) और ₹ 2,389 प्रति क्विंटल (Grade A) तय किया है।जबकि आगामी रबी विपणन सीजन 2026-27 के लिए गेहूं का MSP ₹ 2,585 प्रति क्विंटल तक बढ़ाया गया है।
MSP घोषित होना एक अच्छा कदम है, लेकिन यह तभी पूरी तरह काम करेगा जब वास्तव में उस दर पर उपज खरीदी जाए।MSP दरों के तहत सामयिक, पारदर्शी और व्यापक खरीद हो सके और किसानों को वास्तव में लाभ मिल सके। MSP के अकेले घोषित होना पर्याप्त नहीं — उसे जमीन पर उतरना जरूरी है।