छिन्दवाड़ा– जैविक कृषि के क्षेत्र में कार्यरत सृजन संस्था द्वारा जिले के विकासखंड छिंदवाड़ा के 6 ग्रामों मारई, रंगीनखापा, उमरिया ईसरा, बोहनाखैरी, मेघासिवनी और मेढ़कीताल में किसानों को जीवामृत पांचपत्ती काढ़ा का प्रशिक्षण दिया गया । यह प्रशिक्षण महिला समूह के सदस्यों और किसानों को दिया गया ।
सृजन संस्था के प्रोजेक्ट लीडर संदीप भुजेल ने बताया कि गौ-मूत्र, गोबर, गुड़, बेसन और प्रकृति की पांच पत्तियों को मिलाकर काढ़ा बनाया जाता है। यह जैविक दवा विभिन्न सब्जियों की खेती व फसलों के लिए लाभकारी साबित हो रही है । जैविक खेती से किसानों की खेती की लागत कम हो रही है और मानव की सेहत के लिए भी उपयोगी साबित हो रही है। इससे कृषकों में जैविक खेती के प्रति रुचि बढ़ रही है और जमीन की सेहत भी सुधर रही है