सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश में लंबे समय से आगनबाड़ी कार्यकर्ता का धरना प्रदर्शन चल रहा है लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मांगों को नहीं मांग रही है जिसको लेकर आज छिंदवाड़ा की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आज नियमितिकरण सहित अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व मिनी कार्यकर्ताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल 11 मार्च से जारी है। अपनी मांगों को लेकर आज इंदिरा तिराहा पर कार्यकर्ता ने चक्का जाम कर दिया एवं प्रदर्शन किया । आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ओं का कहना है कि कई बार ज्ञापन सौंपने के बाद भी उनकी मांगों पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ध्यान नही दिए जाने से आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने सोमवार की दोपहर जिला मुख्यालय के इदिरा तिराहा पर लगभग एक घंटा चक्का जाम कर दिया। सड़क जाम के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर नारेबाजी भी की गई। जानकारी लगने पर कोतवाली पुलिस व तहसीलदार मौके पर पहुंच गए। कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौपा। ज्ञापन भोपाल स्तर पर भेजने का आश्वासन अधिकारियों द्वारा दिया गया। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने जाम समाप्त हुआ। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। चक्काजाम के चलते तीनों ओर वाहनों का जमावड़ा लग गया। इससे आने जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। आश्वासन के बाद प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका वापस कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन दिया । यहां उनका प्रदर्शन लंबे समय तक जारी रहा है।
प्रदेश के पटवारियों का तीन सूत्रीय समस्याओं के संबंध में ज्ञापन
छिंदवाड़ा: प्रदेश के विभिन्न जिलो मै पदस्थ पटवारियों को वर्तमान में प्रदेश स्तर की विभिन्न योजनाओं एवं तहसील पर इन निम्न तीन प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिससे पटवारी मानसिक एवं शारीरिक रूप से अत्यधिक त्रस्त है। जो निम्नलिखित है।
1. कृषि संगणना :- यह कृषि विभाग की योजना होकर पटवारियों द्वारा इस का कार्य संपादित किया जाता है। इस कार्य हेतु पटवारी को मानदेय प्रदान जाता है। किंतु बड़े खेद का विषय है कि, विगत दो कृषि संगणना का दस पटवारियों को भुगतान नहीं किया गया है। इस हेतु समय समय पर संघ शासन को अवगत कराया गया किंतु पटवारियों को शासन से निराशा ही हाथ लगी उसे उचित परिश्रम की राशि भी नहीं मिली जो उसका हक है। इसी प्रकार सिंचाई संगणना के कार्य का मानदेय भी प्रदेश को पटवारियों को आज तक नहीं मिला है। वर्तमान में कृषि संगणना का कार्य आनलाईन होकर मोबाइल के से किया जाना है। जो शासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराए गये है। विगत पांच- वर्ष पूर्व उपलब्ध कराए गये सस्ते एवं निम्न कीमत के मोबाइल अब उपयोग हीन खराब हो चुके है। अतः कृषि संगणना कार्य हेतु आवश्यक संसाधन मोबाइल कराए जावे ताकि उक्त योजना कार्य संपादित किया जा सके।
2. लाडली बहना योजना :- यह योजना मुख्य रूप से महिला एवं बाल विकास की योजना होकर उनके विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही मुख्य रूप से कार्य स् किया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश के पटवारी वांछित सहयता को तत्पर है। किंतु कपितय जिलो में इस कार्य हेतु पटवारियों को मुख्य जिम्मा सौंपकर उनकी आईडी से कार्य संपादित करने हेतु बाध्य किया जा रहा है। इस प्रकार के मुख्य कार्यों से पटवारियों को मुक्त रखा जाए।
3. सीपीसीटी परीक्षा की बाध्यता : प्रदेश के अधिकांशतः पटवारियों द्वारा यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली गई है। किंतु कपितय नवीन पटवारी साथियों द्वारा अपरिहार्य कारणों से यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की गई है। जिसके संबंध में पूर्व मे भी समस्या आने पर प्रांताध्यक्ष द्वारा माननीय राजस्व मंत्री महोदय एवं श्रीमान आयुक्त भूअभिलेख ग्वालियर को अवगत कराने पर दोनों के ही द्वारा आश्वस्त किया था कि, सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण ना होने की बाध्यता के आधार किसी भी पटवारी को सेवा से पृथक नहीं किया जावेगा। किंतु प्रदेश की कपितय तहसीलो मे नवीन पटवारी साथियों को सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण ना होने के आधार पर सेवा से पृथक करने संबंधित सूचना पत्र जारी कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। अतः उक्त संबंध में आदेश प्रसारित कर पटवारियों को मानसिक वेदना से जावे। मुक्त किए जाने की मांग प्रमुख सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर की।
आशा कार्यकर्ताओं ने उठाई आवाज
छिंदवाड़ा:आशा, उषा कार्यकर्ता को न्यायपूर्ण वेतन 10000/- दिये जाने की मांग एवं राज्य कर्मचारी का दर्जा दिये जाने को लेकर 14 मार्च 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की सूचना मांग पूरी न होने पर राजधानी भोपाल में 3 अप्रैल 2023 से भूख हड़ताल कि जायेगी। प्रदेश की अधिकांश आशा कार्यकर्ताये केवल 2,000 रूपये मासिक इंसेटिव पर कार्य कर रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका नियमित काम एवं अनिवार्य सेवा होने के चलते अन्य राज्य सरकार वर्षों से आशा उषा कार्यकर्ता अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन दे रही है। आन्ध्रप्रदेश में राज्य सरकार 8000 रुपये अपनी ओर से मिला कर आशाओं को अतिरिक्त वेतन दे रही है, लेकिन म.प्र. सरकार पिछल 16 वर्षों से अशा को कुछ भी नहीं दिया। प्रदेश सरकार ने जिन 7 कामों में राशि को दुगना करने के आदेश जारी किया है इसका भुगतान नहीं हो रहा है और अधिकार आशाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य राज्यों को तरह प्रदेश की आशाओं की भी मांग निश्चित वेतन में न्यायपूर्ण वृद्धि किये जाना है लेकिन इस न्यायपूर्ण माग का निराकरण हेतु सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जो कि बेहद अन्यायपूर्ण है वर्तमान में देश के सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनो के द्वारा अकुशल श्रमिक के लिए न्यूनतम वेतन किये जाने की मांग कर रही है, जबकि मध्यप्रदेश की आशाये अभी भी2000 रूपये की मासिक पर करने के लिए विवश है। लगातार बढ़ती महंगाई के बावजूद प्रदेश की आशा एवं उषा कार्यकर्ता का कान न्यायपूर्ण वेतन/मानदेय दिये जाने की मांग के प्रति सरकार की अन्यायपूर्ण स्या अभी भी जारी है। इस परिस्थिति में आशा उषा महिला संगठन मध्यप्रदेश द्वारा न्यायपूर्ण वेतन वृद्धि की मांग को लेकर इस विधानसभा के अन्तिम बजट सत्र को दौरान 14 मार्च 2023 को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक से की मांग
मध्यप्रदेश की आशा उषा कार्यकर्ताओ को वर्ष 2006 में नियुक्त किया गया था। तब से लेकर आज दिनांक तक 2000 रू. मानदेय ही दिया जा रहा है. जो कि बहुत ही कम हैं श्रीमान्जी से निवेदन है कि, हम ग्रामीण / शहरी क्षेत्र में कार्यरत है। और हम सारे राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं राज्य के सभी कार्यक्रम हम सुचारू रूप से करते है। हम लोगों की बदौलत ही प्रदेश में मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु दर कम करने में हमारा महत्वपूर्ण योगदान है। शत-प्रतिशत टीकाकरण करने में हमारा सम्पूर्ण योगदान रहता है। स्वास्थ्य संबंधी सारी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। हम सभी 24 घण्टे कार्य कर ग्रामीण लोगों को सेवायें देते है। शिशुओं एवं गर्भवती माताओं को देशमाल करते है। और सेवायें देती है। शासकीय अधिकारी समय-समय पर हम लोगों को निकालने की धमकी देते है। पूरे मध्यप्रदेश में लगभग 80,000 हजार आशा उषा कार्यकर्ता पूर्णरूप से सेवा में लगी हुई है।
1. आशा, उषा कार्यकर्ताओं का निश्चित मानदेव 10,000 रूपये किया जाये।
2. आशा, उषा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाये।
3. हमारी आशा, उषा कार्यकर्ताओं की कार्य का समय निश्चित किया जाये।
4 हमारी आशा, उषा कार्यकर्ताओं ANM, GNM के पद पर अनुभव के आधार पर सर्वप्रथम प्राथमिकता आशा,उषा कार्यकर्ताओ को दी जाये जिसमे उम्र की समय सीमा ना हो।
5 हमारी खाशा, उषा कार्यकर्ताओं को कार्यकाल समाप्ति के पश्चात एकमुश्त राशि5,00,000 (पांच लाख रूपये प्रदान की जाये।
6 ग्रामीण एवं शहरी आशा, उषा कार्यकर्ताओं को समान मानदेय दिया जाये।