सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.सी.चौरसिया ने बताया कि प्रति वर्ष 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2024 में ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ की “थीम कनेक्ट विथ कम्यूनिटी कंट्रोल डेंगू” रखी गई है। जिले में वर्ष 2021 में कुल 241 डेंगू पॉजिटिव केस थे। विभाग के प्रयास एवं जनसमुदाय के सहयोग से डेंगू केसेस में लगातार कमी आ रही है और वर्ष 2023 में कुल डेंगू केसेस घटकर 26 हो गये हैं। जनवरी 2024 से 15 मई 2024 तक कुल 6 डेंगू केसेस पाये गये हैं।
डेंगू क्या है- डेंगू बुखार डेन नामक वायरस से होता है और यह एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। संक्रमित एडीज मच्छर के काटने के 3 से 5 दिन के बाद डेंगू के लक्षण प्रकट होते हैं।
डेंगू के लक्षण-डेंगू के सामान्य लक्षण- सिर में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, तेज बुखार, शरीर में चकत्ते या रेशेस, भूख में कमी। डेंगू के गंभीर लक्षण- नाक मसूड़े से खून निकलना, उल्टी व मल के साथ खून आना, पेट में तेज दर्दहोना, पेशाब कम होना एवं प्लेटलेट्स की संख्या 40 हजार से कम होना।
डेंगू की जांच- जिला चिकित्सालय एवं छिंदवाडा इंस्टिट्युट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एलाइजा द्वारा निःशुल्क जांच उपलब्ध है।
डेंगू का उपचार- डेंगू का कोई विशिष्ट एंटी वायरल उपचार तथा टीका उपलब्ध नहीं है। चिकित्सक की सलाह से ही बुखार कम करने के लिये पैरासिटामॉल का सेवन करना चाहिये तथा एसपिरिन अथवा दर्द निवारक गोली का सेवन नहीं करना चाहिये।
डेंगू वाहक- डेंगू वायरस मुख्यतः संक्रमित एडीज एजिप्टी तथा एडीज एल्बोपिकट्स मच्छर के काटने से स्वस्थ्य मनुष्य में फैलता है। यह मच्छर रूके हुए साफ पानी में पैदा होता है।घरेलु मच्छर व पनपने वाले स्थान- यह मच्छर मनुष्य द्वारा निर्मित पानी के कंटेनर जैसे- ओवरहेड टैंक, सिंटेक टैंक, प्लास्टिक ड्रम, सीमेंट टैंक, धातु के बने ड्रम, फूलदान, बर्डबाथ, मनीप्लांट पात्र आदि में साफ जमा पानी में प्रजनन करता है।
डे बाइटर– यह मच्छर दिन में ही काटता है, एक दिन में 7 से 9 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है।अण्डे- यह अपने अण्डे सीधे जल सतह पर न देकर स्त्रोत के किनारे पर देते हैं। अण्डे चिपचिपे होते है। शुष्क अवस्था में अण्डे डेढ़ वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।
उड़ान क्षमता- यह 400 मी. तक उड़ कर जा सकते हैं।मच्छर के काटने से बचाव के उपाय- सोते समय हमेशा मच्छरदानी लगाकर मच्छरदानी के अंदर सोना चाहिए। पूरी आस्तीन के या पूरे शरीर ढंकने वाले कपड़े पहनना चाहिए। शाम के समय दरवाजे, खिड़कियों को बंद करके रखना चाहिए तथा घर के अंदर मच्छर रिपिलेंट मॉसक्विटो कॉइल, नीम पत्तियों का धुआं करना चाहिए।
मच्छर के प्रजनन स्थल को नष्ट करने के उपाय- खुले जल के कंटेनरों को तीन दिन में ही रगड़कर साफकर पुनः उपयोग के लिये पानी भरना चाहिये, जिससे के अंडे से लार्वा न बन पाये। घर व आसपास पानी से भरे सीमेंट के टांकों को पूर्णतया ढंक कर रखें। मच्छरों के प्रजनन स्थल जिनका पानी खाली करना संभव नहीं हैं, उनमें प्रति 100 लीटर पानी में 30 एम.एल. पेट्रोल/मिट्टी का तेल/मीठा तेल डालना चाहिये, ऐसा करने से मच्छरों का पनपना रूक जाता है। घर के आसपास 100 मी. के अर्ध्दव्यास में जंगली घास व झाड़ियां आदि न उगने दें। ये मच्छरों के लिये छिपने व आराम करने के स्थल होते हैं। अपने घर में और उसके आस-पास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें। रूकी हुई नालियों को साफ कर दें। पानी से भरे रहने वाले स्थानों में प्रति सप्ताह टेमोफॉस या मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन ऑईल डालें तथा हेण्डपम्प के आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने दें।