Home NATIONAL छिंदवाड़ा की माटी का लाल,आतंकी हमले में शहीद….

छिंदवाड़ा की माटी का लाल,आतंकी हमले में शहीद….

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।जम्मू कश्मीर के पुंछ में वायु सेना पर हुए आतंकी हमले में छिंदवाड़ा की माटी में जन्मे विक्की पहाड़े शहीद हो गए हैं। उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने देश के लिए अंतिम सांस ली। विक्की 2011 से भारतीय वायु सेवा में सेवा दे रहे थे। जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में छिंदवाड़ा का बेटा भारतीय वायुसेना में हवलदार विक्की पहाड़े देश के लिए कुर्बान हो गया । 4 मई को जम्मू कश्मीर के पूंछ में भारतीय वायुसेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में वायुसेना के पांच जवान घायल हुए थे। जिनको सेना के हेलीकाप्टर से उधमपुर आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था जहां देर रात जवान विक्की पहाड़े जो की मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के रहने वाले थे, वह बुरी तरह से जख्मी हो गए थे इलाज के दौरान शहीद हो गए शहीद जवान पहाड़े अपने पीछे एक 5 वर्षीय पुत्र और पत्नी समेत अपने परिवार जन को छोड़ गए हैं.पुंछ में हुआ आतंकी हमला, 5 जवान हुए थे घायलजम्मू-कश्मीर के पुंछ में एयरफोर्स के वाहनों के काफिले पर शनिवार शाम को आतंकी हमला हो गया था इस हमले में 5 जवान घायल हो गए थे घायल जवानों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां एक जवान की मौत हो गई थी वहीं जहां इलाज के दौरान जवान विक्की पहाड़े शहीद हो गए तीन जवानों का इलाज जारी है. अकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के काफिले पर गोलीबारी की थी आतंकियों ने ये हमला सुरनकोट के सनाई गांव में किया।

तीन बहनों के बीच इकलौता बेटा था विक्की,15 दिन पहले ही बहन की गोद भराई में आया था घर 1 सितंबर 1990 को छिंदवाड़ा के नोनिया करबल में जन्मे विक्की पहाड़ी 2011 में भारतीय वायु सेवा में हवलदार के पद पर भर्ती हुए थे परिवार में तीन बहनों के बीच में इकलौता भाई देश के लिए शहीद हो गया उनके पिता डिमाकचंद पहाड़े का भी कुछ साल पहले निधन हो चुका है. उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी और एक 5 साल का बेटा है शहीद जवान विक्की पहाड़े 15 दिन पहले ही अपनी बहन की गोद भराई के लिए छिंदवाड़ा में अपने घर आया था चुनाव ड्यूटी के चलते ही कुछ दिन बाद फिर से देश सेवा के लिए बॉर्डर के लिए लौट गया था अब फिर अपने बेटे के जन्मदिन में शामिल होने जून में आने वाले थे इसके कोई नहीं जानता था वह अब कभी लौटकर नहीं आएगा।