Home NATIONAL एमआई-17 हेलीकॉप्टर में सवार होकर बाघिन गई ससुराल…

एमआई-17 हेलीकॉप्टर में सवार होकर बाघिन गई ससुराल…

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पेंच टाइगर रिज़र्व से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व तक बाघिन का सफल स्थानांतरण ,एमआई-17 हेलीकॉप्टर से हुआ ऑपरेशन अंतर-राज्यीय समन्वय और वैज्ञानिक प्रबंधन से बाघ संरक्षण को मिली नई मजबूती

सतपुड़ा एक्सप्रेस सिवनी (मध्य प्रदेश)।पेंच टाइगर रिज़र्व, सिवनी (मध्य प्रदेश) से लगभग 3 वर्ष आयु की एक बाघिन का राजस्थान स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया गया। यह महत्वपूर्ण अभियान भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की सहायता से पूरी सुरक्षा एवं सावधानी के साथ संपन्न हुआ।यह स्थानांतरण अभियान पिछले एक माह से सुव्यवस्थित योजना एवं वैज्ञानिक पद्धतियों के आधार पर संचालित किया जा रहा था। पेंच टाइगर रिज़र्व प्रबंधन द्वारा उपयुक्त बाघिन की पहचान कर उसे उन्नत एआई आधारित कैमरा ट्रैप एवं मोशन सेंसर कैमरों के माध्यम से निरंतर मॉनिटर किया गया। इस उद्देश्य से क्षेत्र में लगभग 50 कैमरे स्थापित किए गए थे।

राजस्थान वन विभाग के साथ निकट समन्वय इस अभियान का समन्वय राजस्थान वन विभाग के सहयोग से किया गया। राजस्थान के मुख्य वन संरक्षक सुगनाराम जाट एवं पशु चिकित्सक डॉ. तेजिंदर विगत एक माह से अभियान की योजना और निगरानी कर रहे थे तथा पिछले 8 दिनों से पेंच टाइगर रिज़र्व में मौजूद रहकर सतत निगरानी की।यह संपूर्ण अभियान फील्ड डायरेक्टर देवप्रसाद जे. के सहयोग एवं उप संचालक रजनीश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

विशेषज्ञों की टीम ने किया निश्चेतन बाघिन का सुरक्षित निश्चेतन डॉ. अखिलेश मिश्रा एवं डॉ. प्रशांत द्वारा वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन ट्रस्ट की टीम के साथ किया गया। इस दौरान डॉ. काजल, डॉ. अमोल (वेटरनरी कॉलेज, जबलपुर) तथा फील्ड बायोलॉजिस्ट श्री अनिमेष चव्हाण का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

एमआई-17 हेलीकॉप्टर से हुआ अंतर-राज्यीय परिवहन स्थानांतरण के दौरान पेंच टाइगर रिज़र्व से मिशन लीडर सहायक संचालक सुश्री गुरलीन कौर (आईएफएस), वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. मिश्रा, पशु चिकित्सक डॉ. प्रशांत देशमुख तथा रेंज अधिकारी श्री लोकेश कुमार चौधरी राजस्थान के अधिकारियों के साथ एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा बाघिन के सुरक्षित परिवहन हेतु रवाना हुए। इससे अंतर-राज्यीय समन्वय और संचालन की प्रभावशीलता सुनिश्चित हुई।

मैदानी अमले की रही अहम भूमिका इस अभियान की सफलता में पेंच टाइगर रिज़र्व के कुरई एवं रुखड़ रेंज के मैदानी अमले का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा। कर्मचारियों ने प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कैमरा ट्रैप की जांच, नियमित गश्त एवं चिन्हित बाघिन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए अथक प्रयास किए।

बाघ संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि यह सफल स्थानांतरण अंतर-राज्यीय समन्वय, भारतीय वायुसेना के सहयोग एवं वैज्ञानिक वन्यजीव प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पहल न केवल बाघ संरक्षण को सुदृढ़ करेगी, बल्कि विभिन्न टाइगर लैंडस्केप में आनुवंशिक विविधता बढ़ाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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