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आदर्श आचरण संहिता लागू होते ही सक्रिय हुई एफएसटी व पुलिस की टीम

नगद राशि, अवैध शराब, मादक पदार्थ, अमूल्य धातु पर हुई कार्रवाई,
एक दिन में एक करोड़ 81 लाख 97 हजार 930 रुपये आंकी गई कीमत

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन

सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल:मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 को लेकर प्रदेश में 9 अक्टूबर से आचार संहिता पूरी तरह प्रभावशील हो गई है। आचार संहिता के लागू होते ही स्वतंत्र व निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए जिलों में गठित उड़नदस्ता दल (एफएसटी) एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई तेज कर दी है। संयुक्त टीम ने नगद राशि, अवैध शराब, मादक पदार्थ सहित अमूल्य धातु पर बड़ी कार्रवाई कर जब्ती बनाई है, जिसकी कीमत एक करोड़ 81 लाख 97 हजार 930 रुपये है।

संयुक्त टीम ने एक दिन में रुपये 14 लाख 90 हजार 320 मात्र नगद जब्त किए है। रुपये 13 लाख 50 हजार 405 मात्र की 5915.69 लीटर अवैध शराब, रुपये 22 लाख 68 हजार 910 मात्र के मादक पदार्थ, रुपये 85 लाख मात्र की अमूल्य धातु, रुपये 1 लाख 37 हजार 600 मात्र कीमत की विभिन्न सामग्रियां जब्त की गई है।

आबकारी विभाग ने प्रदेश भर में अवैध शराब व महुआ लहान की जब्ती संबंधी बड़ी कार्रवाई की जा रही है। विभाग ने रुपये 10 लाख 67 हजार 495 मात्र की कीमत की 3999 लीटर अवैध शराब और रुपये 33 लाख 83 हजार 200 मात्र के महुआ लहान पर भी कार्रवाई की है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन

विभागों द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को भेजे जाने वाले प्रस्तावों के परीक्षण और अनुशंसा के लिये राज्य शासन ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। विभागों द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजे जाते हैं। समिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन तथा संबंधित विभाग जिनका प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया उनके अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव सदस्य होंगे।

अब कोई भी विभाग आचार संहिता के दौरान अपना प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के परीक्षण/अनुशंसा के पूर्व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से अथवा सीधे भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित नहीं करेगा। स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों/स्पष्टीकरण का पर्याप्त अध्ययन व उसके अनुसार परीक्षण करते हुए उनका हवाला देते हुए उसे संदर्भित करेगा। प्रशासकीय विभाग को अपने प्रस्ताव में यह औचित्य भी दर्शाना होगा कि प्रस्ताव क्यों अत्यन्त महत्वपूर्ण है और निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक इसे क्यों नहीं रोका जा सकता है। भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाने वाला प्रस्ताव स्वयं स्पष्ट टीप (Self Conteined) के रूप में भेजा जाएगा न कि नस्ती के रूप में।

राज्य शासन ने विभागों को निर्देशित किया है कि प्रस्ताव भेजने के पूर्व भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय में लगने वाले संभावित समय का विशेष ध्यान रखा जाए। प्रशासकीय विभाग परिभ्रमण में समिति का अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात् प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराऐगा। जो प्रस्ताव उक्त मापदंडों की पूर्ति करते हुए नहीं होंगे उन्हें लौटा दिया जाएगा।