सांसद नकुलनाथ ने कलेक्टर को लिखा महत्वपूर्ण पत्र
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा:- मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों को बाजार में उपज का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो रहा है। खाद और बीज सहित कृषि से सम्बंधित उपकरण व सामग्री निरंतर महंगी हो रही है जिसके चलते किसानों की आय तो सीमित हो चुकी है, किन्तु लागत दोगुनी हो गई। मौसम की बेरूखी के चलते इस वर्ष खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई, ऐसे में किसान शासन की ओर से प्राप्त होने वाले मुआव जे पर निर्भर होगा। किसानों की आर्थिक दशा को दृष्टिगत रखते हुये सांसद श्री नकुलनाथ ने एक महत्वपूर्ण पत्र जिला कलेक्टर को प्रेषित किया है।
जिले के संवेदनशील सांसद श्री नकुलनाथ ने किसानों के हित में लिखे अपने महत्वपूर्ण पत्र में उल्लेख किया है कि
मेरे संसदीय क्षेत्र छिन्दवाड़ा में खरीफ सीजन की फसल बोवनी के उपरांत अल्पवर्षा से पूर्णरूपेण परिपक्व नहीं हो पाई।
मौसम की मार झेलते हुये फसल जब पकने की स्थिति में आई ही थी, कि अतिवर्षा के कहर से खेतों में मक्का, सोयाबीन, ज्वार सहित अन्य दाने व सब्जी वाली फसल चौपट हो गई।
कृषि में भारी भरकम लागत लगाने के उपरांत फसलों का पूर्णत: बर्बाद होना अन्नदाता के समक्ष सबसे बड़ा संकट बन चुका है। इन हालातों में अविलम्ब सर्वे के उपरांत मुआवजा राशि का निर्धारण किया जाना अतिआवश्यक है, ताकि किसानों को तत्काल राहत प्राप्त हो सके।
श्री नाथ ने अपने पत्र के माध्यम से जिला कलेक्टर को अवगत कराया कि गत 15 एवं 16 सितम्बर को छिन्दवाड़ा तहसील के ग्राम नवेगांव में लगातार बारिश के चलते गांव की पनघटा नदी में बाढ़ आने से नदी के समीप की अनुमानित 120 एकड़ कृषि भूमि में लगी मक्के की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। इस आपदा के कारण तीस कृषक जिन्होंने कर्ज लेकर ठेके पर भूमि लेकर कृषि कार्य कर रहे थे, वे पूरी तरह से आर्थिक रूप से बर्बाद हो गये हैं। इसी प्रकार छिन्दवाड़ा, जुन्नारदेव व चौरई विकासखण्ड में विगत दिनों में हुई अतिवृष्टि से फसलें तबाह हो चुकी है, किन्तु अभी तक युद्ध स्तर पर सर्वे का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है जिससे किसानों में बड़ी निराशा है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की शिथिल कार्यवाही से पीड़ित किसानों का संकट दो गुना हो गया है। आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप उक्त संदर्भ में उपसंचालक कृषि सहित अन्य आपदा से सम्बंधित अन्य अधिकारियों को शीघ्र अति शीघ्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का मुआयना कर किसानों का उचित मुआवजा निर्धारण एवं उन्हें क्षति पूर्ति प्रदान करने हेतु त्वरित कार्यवाही किये जाने हेतु आदेशित करें।
सांसद श्री नकुलनाथ ने अपने पत्र के अंत में आग्रह पूर्वक लिखा कि अल्पवर्षा के कारण किसानों की फसल पूर्ण परिपक्व नहीं हो पाई थी। वहीं अचानक हुई अतिवृष्टि ने फसलों को खेतों में ही चौपट कर दिया। इन परिस्थितियों में जिले का किसान अब केवल शासन-प्रशासन द्वारा प्रदत्त की जाने वाली आर्थिक सहायता व मुआवजे पर ही निर्भर है। ताकि वह किसी तरह अपने परिवार की गुजर बसर कर सके।