Home MORE किसानो ने किया जल सत्याग्रह

किसानो ने किया जल सत्याग्रह

पेंच बांध प्रभावित किसान संगठन के जल सत्याग्रह आंदोलन में पहुँचे हज़ारों किसान

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।नए भू अर्जन कानून के अनुसार सरदार सरोवर बांध की तर्ज पर विशेष पैकेज व मुआवजे की मांग करते हुए चौरई विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत केवलारी में पेंच बांध प्रभावित किसान संगठन के द्वारा जल सत्याग्रह आंदोलन किया गया।जहां आसपास से हज़ारों की संख्या में किसान सहित महिलाएं भी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पहुँचे । सभी किसानों द्वारा 11 तारीख को छिंदवाड़ा में विशाल रैली निकाली गई थी और ज्ञापन भी दिया गया था। शासन प्रशासन ने एक सप्ताह का समय देकर सभी किसानों को वापस भेज दिया था। लेकिन एक सप्ताह से ज्यादा बीतने के बाद भी सरकार किसानों के बारे में कोई निर्णय नही ले पाई।इसलिए पेंच बांध प्रभावित किसान संगठन के द्वारा ग्राम केवलारी में किसानों का जल सत्याग्रह आंदोलन रखा गया था जो सुबह करीब 8 बजे से शुरू हो चुका है भारी संख्या में महिलाओं ने 4,5 घंटे पानी के अंदर डूबकर आंदोलन करती रही।आंदोलन स्थल पर भारी पुलिस प्रशासन सहित NDRF की टीम भी मौजूद रही। पेंच परियोजना के अंर्तगत माचागोरा बांध में जलाशय होने के कारण आसपास के 31 ग्राम प्रभावित हो गए हैं। जिनकी आवादी के हिसाब से अगर देखा जाये तो सिर्फ 4 ग्राम भुतेरा,धनोरा,भूला, बाराहबिहारी पूरी तरह जलमग्न हैं।और 14 ग्राम आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं व 13 ग्रामों की मात्र भूमि प्रभावित हुई है। किसानों ने बताया कि जलाशय निर्माण के दौरान आसपास के लगभग 2500 परिवार प्रभावित हुए थे। बांध प्रभावित किसानों की कुछ मुख्य मांगे इस तरह है कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा प्रदान किया जाए।सरदार सरोवर बांध की तर्ज पर विशेष पैकेज दिया जाए।शासन द्वारा बसाए गए पुनर्वास को पुनःअर्जन कर शहर के किनारे विस्थापित किया जाए।मत्स्य पालन एवं मछली का ठेका प्रभावित ग्रामों की समिति एवं मछुआरों को दिया जाये।जिन किसानों के विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन के भू-अर्जन प्रकरण लंबित है उन सभी अपीलीय प्रकरणों वापिस लेकर को फरियादी किसानों को मुआवजा दिया जाये। जिला कलेक्टर स्तर की समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए।थर्मल पावर के लिए ली गई जमीन को किसानों को स्वामित्व किया जाये।पेंच बांध प्रभावित किसान परिवारों ने अपनी इन माँगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।