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छिंदवाड़ा सड़क ठेका घोटाला: एक्सपायर लेबर लाइसेंस, ब्लैकलिस्टेड EPF सर्टिफिकेट के बाद पार्षद राहुल मालवी ने कलेक्टर से की जांच की मांग

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। नगर निगम छिंदवाड़ा में ₹2 करोड़ 39 लाख के सड़क एवं नाली निर्माण ठेके को लेकर सामने आए घोटाले के आरोप लगातार गहराते जा रहे हैं। अब इस मामले ने प्रशासनिक स्तर पर भी तूल पकड़ लिया है। नगर निगम वार्ड क्रमांक 29 के पार्षद राहुल मालवी ने आज कलेक्टर छिंदवाड़ा को जनसुनवाई में लिखित आवेदन सौंपकर पूरे टेंडर प्रकरण की जांच एवं दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पार्षद ने उठाए गंभीर सवाल पार्षद राहुल मालवी ने अपने आवेदन में कहा है कि जिस कंपनी अर्णव एंटरप्राइजेस को नगर निगम ने ठेका दिया—उसका लेबर लाइसेंस एक्सपायर था,टेंडर में लगाया गया EPFO का EPF सर्टिफिकेट वर्ष 2017 में ब्लैकलिस्टेड फर्म (देवेंद्र धनौरिया) से संबंधित पाया गया,कंपनी के पास एम-20 ग्रेड कार्य का अनुभव नहीं था,इसके बावजूद निगम अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों का ठेका स्वीकृत कर दिया।पार्षद ने इसे नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न बताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।

हाईकोर्ट में मामला, अगली सुनवाई 5 जनवरी इस प्रकरण को लेकर पहले से ही मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त, कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया था।हाल ही में विभाग द्वारा पेश किया गया जवाब भी संदेह के दायरे में बताया जा रहा है।मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को निर्धारित है।टेंडर प्रक्रिया पर लगे आरोपअप्रैल 2025 में सीसी रोड, बीटी रोड और नाली निर्माण के लिए टेंडर जारी हुआ।केवल दो प्रतिभागी होने के बावजूद दस्तावेज अधूरे पाए जाने पर टेंडर रिकॉल नहीं किया गया।जुलाई 2025 में आपत्तियाँ दर्ज कराई गईं, जिन्हें अनदेखा कर दिया गया।17 अक्टूबर को अयोग्य कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया।

निगम अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आए मामले पर प्रतिक्रिया जानने के लिए नगर निगम आयुक्त सी.पी. राय और कार्यपालन यंत्री हिमांशु अतुलकर से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ने कॉल रिसीव नहीं किया।पार्षद द्वारा कलेक्टर को दिए गए आवेदन के बाद यह मामला अब न्यायिक के साथ-साथ प्रशासनिक जांच के दायरे में भी आ गया है। शहरवासियों की निगाहें अब हाईकोर्ट की सुनवाई और कलेक्टर द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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