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छिंदवाड़ा में प्लेटिनियम खदान का विरोध: उमरेठ और मोहखेड़ के आदिवासी किसान बोले – हमारी पैतृक भूमि पर खदान नहीं खोलने देंगे

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।तहसील उमरेठ एवं मोहखेड़ के ग्रामीणों और भूमिस्वामियों ने अपनी निजी भूमि पर प्रस्तावित प्लेटिनियम एवं अन्य धातुओं की खदान खोलने के सरकारी निर्णय का कड़ा विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि शासन और खनिज विभाग द्वारा उनके खेतों और पैतृक भूमि का सर्वे कराया गया है, जिसमें प्लेटिनियम सहित अन्य धातुओं की उपलब्धता पाई गई है। जानकारी के अनुसार, लगभग 830 हेक्टेयर भूमि पर खदान खोलने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है।पूर्व कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने भी इस संबंध में प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 201/मु.लि./खनि शाखा/2023 दिनांक 10 फरवरी 2023 को भेजा था। यह पत्र अब स्थानीय भूमिस्वामियों के विरोध का मुख्य आधार बन गया है।ग्रामीणों ने बताया कि सर्वे में शामिल अधिकांश भूमि गरीब आदिवासी परिवारों की पैतृक संपत्ति है, जिस पर वे पीढ़ियों से खेती कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि शासन द्वारा भूमि अधिग्रहित कर खदान खोली जाती है तो वे अपनी आजीविका के साधन से वंचित हो जाएंगे और बेरोजगार हो जाएंगे।

भूमिस्वामियों ने सामूहिक रूप से शासन प्रशासन से मांग की है कि—> “हमारी मालिकाना हक वाली भूमि पर प्लेटिनियम या अन्य धातु की खदान न खोली जाए और हमारी निजी भूमि का अधिग्रहण न किया जाए।”ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी आपत्तियों को अनदेखा किया गया और भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई आगे बढ़ाई गई, तो वे जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।—

🔹 प्रमुख बिंदु:उमरेठ और मोहखेड़ तहसीलों में लगभग 830 हेक्टेयर भूमि पर खदान प्रस्ताव।प्रभावित क्षेत्र की अधिकांश भूमि गरीब आदिवासी कृषकों की है।

ग्रामीणों ने कहा—“खदान खुली तो खेती और रोजगार दोनों खत्म होंगे।

”शासन से मांग—“निजी भूमि का अधिग्रहण रद्द किया जाए।”

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