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किसानों की जमीन हड़पने वाले साहूकारों से पुनः जमीन वापस लेने का कानून

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा-हमारा देश कृषि प्रधान देश है कृषि कार्य में लगे हुए किसानो को मौसम की विसंगति और प्राकृतिक मार ओला, सूखा, बाढ़ जैसी समस्याओं के कारण अपनी विभिन्न आवश्यकताओं और दायित्व को पूरा करने के लिए अक्सर निजी साहूकार एजेंसियों से ऋण लेने को मजबूर होना पड़ता है Iसाहूकार मजबूर किसानों का फायदा उठाते हुए किसान की कृषि भूमि को गिरवी रख कर ऋण प्रदान करता है और उस ऋण के एवज में अधिक दर से ब्याज वसूलते हुए किसान को अपनी भूमि को विक्रय करने के लिए मजबूर कर किसान की कृषि भूमि को हड़प लेता है ऐसे सूदखोर साहूकारों से संरक्षण प्रदान करते हुए मध्य प्रदेश में समाज के कमजोर वर्ग के कृषि भूमि धारको का उधार देने वाले भूमि के हड़पने संबंध में कुचक्रों से परित्राण तथा मुक्ति अधिनियम 1976 है l
इस अधिनियम के तहत किसान को यह अधिकार प्राप्त है साहूकार के द्वारा हड़प ली गई कृषि भूमि को वापस प्राप्त करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के पास आवेदन करें अनुमंडल पदाधिकारी ऋण के किसी भी लेनदेन में स्वप्रेणा से तथा धारा 5 के अधीन आवेदन प्राप्त होने ऋण के निषिद्ध लेनदेन की जांच करेगा

(i) कब्जे के वितरण के साथ या उसके बिना भूमि बेचने का समझौता;

(ii) भूमि की एकमुश्त बिक्री कब्जे की सुपुर्दगी के साथ या उसके बिना, इसे फिर से बेचने के लिए अलग समझौते के साथ;

(iii) एक अलग मौखिक समझ के साथ कब्जे के वितरण के साथ या बिना भूमि की एकमुश्त बिक्री कि बिक्री पर कार्रवाई नहीं की जाएगी यदि ऋण का भुगतान किया जाता है;

(iv) ऋण के पुनर्भुगतान पर इसे फिर से बेचने के लिए बिक्री विलेख में शामिल शर्त के साथ कब्जे के वितरण के साथ या बिना भूमि की एकमुश्त बिक्री;

उपखंड अधिकारी पक्षकारों को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा यह समाधान हो जाता है कि ऋण का लेनदेन ऋण का निषेध लेनदेन है तो वह इस तरह के लेनदेन को शून्य घोषित करेगा बिक्री को अपास्त कर भूमि की कब्जों की बहाली एवं अन्य राहत भी प्रदान करेगाI