Home CITY NEWS योगधारा :21 देशों के 40 कलाकारों की प्रस्तुति 18 मार्च को

योगधारा :21 देशों के 40 कलाकारों की प्रस्तुति 18 मार्च को

सहजयोग प्रणेता श्रीमाताजी निर्मला देवी का 100वां जन्मोत्सव अवसर पर…

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा: पूरा विश्व आगामी 19 से 22 मार्च तक छिंदवाड़ा की पावन भूमि पर सहजयोग प्रणेता श्रीमाताजी निर्मला देवी का 100वां जन्मोत्सव मनाने जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में 18 मार्च की शाम 6 बजे पोला ग्राउण्ड पर  ”योगधारा कार्यक्रम एवं आत्मसाक्षात्कार का नि:शुल्क आयोजन होगा। छिंदवाड़ा में पहली बार 21 देशों के 40 कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
यह जानकारी परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मलादेवी सहजयोग नेशनल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रमेश मंताना ने दी। उन्होने बताया कि  सहजयोग प्रणेता श्रीमाताजी निर्मला देवी का जन्म छिंदवाड़ा की पावन भूमि पर हुआ  था। आगामी 21 मार्च को श्रीमाताजी का 100वां जन्मदिवस है। इस परिप्रेक्ष्य में छिंदवाड़ा में पूरे विश्व के सहजयोगियों द्वारा 19 से 22 मार्च तक जन्म महोत्सव मनाया जाएगा।
इसी परिप्रेक्ष्य में 18 मार्च की शाम 6 बजे से पोला ग्राउण्ड पर छिंदवाड़ा में पहली बार 21 देशों के 40 कलाकारों द्वारा  ”योगधारा अन्तर्गत भारतीय संगीत तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। साथ ही आत्मसाक्षात्कार दिया जाएगा।
इन देशों के सहजयोगी कलाकार शामिल है दल में
श्री मंताना ने बताया कि  ”योगधारा प्रस्तुति देनेवाले कलाकार जोकि सहजयोगी हैं, अमेरिका, इंग्लैण्ड, रशिया, न्यूजीलैंड,यूक्रेन,इटली,जर्मनी,चेक रिपब्लिक,ताइवान, फ्रांस,नीदरलैंड ,ऑस्ट्रेलिया,रोमानिया, स्वीजरलैंड से हैं। इसप्रकार कुल 21 देशो से 40 सहजयोगी विदेशी कलाकार भारतीय संगीत पर भजन एवं नृत्य के माध्यम से शिव/ गणेश महिमा के साथ देवी स्तुति आदि प्रस्तुति देंगे। ये कलाकार  ”योगधारा कार्यक्रम में भारत भूमि का महत्व बताते हुए हमारे देश के राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् की प्रस्तुति भी देंगे। इसी कार्यक्रम के दौरान  ये सहजयोगी कलाकार परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी के प्रवचन के माध्यम से सहजयोग द्वारा कुण्डिलिनी जागरण/आत्म साक्षात्कार एवं ध्यान करवाएंगे। जिसे उपस्थितजन अपने हाथों पर ठण्डी लहरों के रूप में अनुभव कर सकेंगे।
   पूरे विश्व में भ्रमण कर रहा है  ”योगधारा समुह श्री मंताना ने बताया कि ”योगधारा विश्व के 21 देशो का समूह है जिसमे 40 से अधिक सहजयोगी कलाकार है। ये सहजयोग ध्यान विधि से अनेक वर्षो से विश्व के विभिन्न देशों में भ्रमण स्वयं के खर्च पर कर रहे हैं तथा प्रस्तुतियां देकर आत्मसाक्षात्कार करवा रहे हैं। हाल ही में इंदौर में एक भव्य आयोजन हो चुका है। इन कलाकारों का स्व अनुभव है कि उहोने सहजयोग ध्यान  से गहन शांति  महसूस की। बीमारी और व्यसन से दूर हो गए। इस आनंद की प्राप्ति जन-जन को हो,इस उद्देश्य को लेकर ये निकल पड़े हैं। भारत में  ”योगधारा के करीब 25 शहरो में 35 कार्यक्रम होना है। छिंदवाड़ा में इनका 26वां कार्यक्रम है।  
गौरतलब है कि इस समय विश्व के 150 से अधिक देशों में सहजयोग चल रहा है।
श्री मंताना ने बताया कि सहजयोग, ध्यान की एक क्रिया है जिसे माताजी निर्मला देवी द्वारा 5 मई,1970 से आरम्भ किया गया। जोकि आज विश्व के 150 देशो में  प्रचलित है। सहजयोग से कुंडलिनी जागरण एवं आत्मसाक्षात्कार की अनुभूत की जाती ह। जैसे ही कुण्डलिनी का जागरण होता है वैसे ही मानव अपने अंदर परम शांति को अनुभव करता है। उसके विचार शून्य हो जाते है। नियमित ध्यान करने से वह धीर-धीरे अपने अंदर व्याप्त अनेक बीमारीयों एवं विकारो से भी निजात पाता है। देश एवं विदेशो के अनेक वैज्ञानिको ने सहजयोग ध्यान पर शोध किया है।  इस ध्यान के माध्यम से परम शान्ति व अनेक बीमारीयो एवं विकारो से मुक्ति की पुष्टि की है। इसे हर आयु-धर्म एवं वर्ग के लोग महसूस कर सकते है। आज के इस प्रतियोगी दौर में अत्यधिक तनाव में  रहने वाले युवा एवं विद्यार्थी,सहजयोग के माध्यम से तनाव दूरकर सुख एवं आनंदमय जीवन व्यापन कर रहे है।