हाईकोर्ट ने निगमायुक्त से मांगा जवाब
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। नगर निगम छिंदवाड़ा में सड़क और नाली निर्माण के ₹2 करोड़ 39 लाख के ठेके को लेकर अब एक नया खुलासा सामने आया है। ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी अर्णव इंटरप्राइजेस द्वारा लगाया गया EPFO का EPF सर्टिफिकेट वर्ष 2017 में ब्लैकलिस्टेड फर्म देवेंद्र धनौरिया के नाम पर जारी हुआ पाया गया है। इस नए तथ्य ने पूरे ठेका आवंटन प्रकरण को और संदिग्ध बना दिया है।सूत्रों के अनुसार, नगर निगम द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों में यह प्रमाणपत्र शामिल है, जबकि संबंधित फर्म को EPFO द्वारा पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था। आरोप है कि निगम प्रशासन इस पूरे मामले में लिपापोती में जुटा है और जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं।
हाईकोर्ट का नोटिस — 2 दिसंबर तक जवाब देने का आदेश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त, कलेक्टर छिंदवाड़ा और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने सभी पक्षों को 2 दिसंबर तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
टेंडर प्रक्रिया पर गंभीर आरोप याचिकाकर्ता यूनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से अधिवक्ता विट्ठलराव जुमड़े ने कोर्ट में बताया—अप्रैल 2025 में सड़क, नाली, सीसी और बीटी रोड के निर्माण के लिए टेंडर जारी हुआ था।ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी ने अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया, न ही एम-20 ग्रेड के कार्य का कोई अनुभव दिखाया।इसके बावजूद निगम ने 17 अक्टूबर को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया।जुलाई 2025 में दर्ज कराई गई आपत्तियों को भी नजरअंदाज कर दिया गया।टेंडर में केवल दो ही प्रतिभागी थे, दस्तावेज अधूरे होने पर भी टेंडर रिकॉल नहीं किया गया।
अधिकारी चुप्पी साधे बैठे मामले पर निगम आयुक्त सी.पी. राय और कार्यपालन यंत्री हिमांशु अतुलकर से प्रतिक्रिया लेने हेतु कई बार फोन लगाया गया, लेकिन दोनों ने कॉल रिसीव नहीं किया।EPFO प्रमाणपत्र से जुड़े नए खुलासे ने टेंडर प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अब निगाहें हाईकोर्ट के आगामी आदेश पर टिकी हैं।
छिंदवाड़ा सड़क ठेका घोटाला: निगमायुक्त ने पसंदीदा ठेकेदार को दिया ₹2.39 करोड़ का ठेका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब















