गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति के लिए एमपी ट्रांसको का महत्वपूर्ण कदम,छिंदवाड़ा जिले के सभी आठों सबस्टेशन शामिल
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने की दिशा में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। प्रदेश मे कंपनी के 417 सबस्टेशनों में से 412 पर विभिन्न क्षमताओं के कैपेसिटर बैंक कार्य कर रहें है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एमपी ट्रांसको की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि कैपेसिटर बैंकों की व्यवस्था से प्रदेशवासियों को उच्च गुणवत्ता और स्थिर वोल्टेज पर बिजली आपूर्ति संभव हो रही है।
छिंदवाड़ा जिले के आठों सब स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक-– विद्युत उपभोक्ताओं खासकर किसानों को सिंचाई के लिए गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छिंदवाड़ा जिले मे भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी आठ एक्स्ट्रा हाई टेंशन सब स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जिले के आठों एक्स्ट्रा हाई टेंशन सबस्टेशनों पर कुल 204 एम व्ही ए आर क्षमता के 19 कैपेसिटर बैंक स्थापित हैं। इनमें 220 केवी सब स्टेशनों छिंदवाड़ा पर 24 एम व्ही ए आर, 132 केवी सब स्टेशन छिंदवाड़ा मे 48 एम व्ही ए आर, 132 केवी सब स्टेशन अमरवाड़ा में 24 एम व्ही ए आर, 132 केवी सब स्टेशन चौरई पर 24 एम व्ही ए आर, 132 केवी सब स्टेशन खापास्वामी में 24 एम व्ही ए आर, 132 के व्ही सब स्टेशन उमरेठ में 24 एम व्ही ए आर, 132 के व्ही सबस्टेशन बिछुआ में 24 एम व्ही ए आर,132 के व्ही सबस्टेशन सावरी में 24 एम व्ही ए आर क्षमता के कैपेसिटर बैंक शामिल हैं।
प्रदेश में कुल 751 कैपेसिटर बैंक–-एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता श्री अमर कीर्ति सक्सेना ने बताया कि प्रदेश स्तर पर एमपी ट्रांसको के कुल 751 कैपेसिटर बैंक सक्रिय हैं। इनमें 220 केवी सबस्टेशनों पर 145 केवी स्तर के 32 कैपेसिटर बैंक तथा 132 केवी सबस्टेशनों पर 36 केवी स्तर के 719 कैपेसिटर बैंक शामिल हैं। इनकी संयुक्त स्थापित क्षमता 9278.5 एम व्ही ए आर है, जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को स्थिर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
52 पुराने कैपेसिटर बैंकों को बदला गया—कंपनी ने 52 पुराने कैपेसिटर बैंकों की पहचान भी की है, जिनकी समयावधि पूरी हो चुकी है और जो अपेक्षित कैपेसिटिव लोड देने में सक्षम नहीं रह गए हैं। मुख्य अभियंता श्री अमर कीर्ति सक्सेना ने बताया कि इन स्थानों पर अधिक क्षमता वाले कैपेसिटर बैंकों की स्थापना कर उनकी प्रतिस्थापना और क्षमता वृद्धि का कार्य तेज गति से किया जा रहा है।
—क्यों जरूरी है कैपेसिटर बैंक-–सबस्टेशनों से विद्युत आपूर्ति के दौरान अक्सर पावर ट्रांसफार्मर्स पर इंडक्टिव लोड बढ़ जाता है, जिससे वोल्टेज में गिरावट आती है और बिजली की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कैपेसिटर बैंक अपने कैपेसिटिव लोड के माध्यम से इस प्रभाव को संतुलित करते हैं। इससे पावर फैक्टर में सुधार होता है और उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होती है।