सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा// मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.नरेश गोन्नाडे ने जानकारी दी है कि म.प्र. फार्मसी काउंसलिंग राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी चिकित्सालयों, फार्मेसी, मेडिकल स्टोर के संचालक, फॉर्मासिस्ट को सूचित किया गया है कि फॉर्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 42 में विहित प्रावधानों के अनुसार मेडिकल प्रेक्टिशनर के प्रिस्किप्शन पर केवल पंजीकृत फॉर्मासिस्ट द्वारा ही दवाईयां डिस्पेंस की जानी हैं। किसी गैर पंजीकृत व्यक्ति के द्वारा दवाईयां डिस्पेंस, वितरण, विक्रय होना पाये जाने की स्थिति में संबंधितों पर फॉर्मेसी एक्ट 1948 के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी। नियम का उल्लंघन करने पर 03 महीने की सजा या 02 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनो एक साथ होने का प्रावधान हैं। अत्यंत विषम परिस्थितियों में काउंसिल के द्वारा संबंधित फॉर्मासिस्ट का लाईसेंस निरस्त किया जायेगा।
सी.एम.एच.ओ. डॉ. गोन्नाडे ने जिले के सभी चिकित्सालयों, फार्मेसी, मेडिकल स्टोर के संचालक, फॉर्मासिस्ट को निर्देश दिये हैं कि राज्य शासन के द्वारा जारी आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। मेडिकल स्टोर में पंजीकृत फॉर्मासिस्ट का रहना अनिवार्य हैं एवं बिना प्रिस्किप्शन के दवाईयों का वितरण, विक्रय नहीं किया जाये। उल्लंघन किये जाने की स्थिति में फॉर्मेसी एक्ट 1948 के तहत संबंधित पर प्रावधानित कानूनी कार्यवाही की जायेगी।