Home CITY NEWS खनिज रेत व गिट्टी का अवैध भण्डारण ,352800 रूपये जुर्माना

खनिज रेत व गिट्टी का अवैध भण्डारण ,352800 रूपये जुर्माना

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा// कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत एक प्रकरण में भण्डारणकर्ता दादा गुरु कन्स्ट्रक्शन प्रो. राजू सराठे की ओर से उपस्थिति प्रतिनिधि कर्मचारी दिलीप विश्वकर्मा निवासी नरसिंहपुर नाका वार्ड नंबर-16 छिन्दवाड़ा द्वारा म.प्र.खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के नियम 18 (2) के प्रावधानों के अंतर्गत भण्डारित खनिज रेत एवं गिट्टी का अवैध भण्डारण किया जाना प्रमाणित होने पर प्रावधान के अनुसार अनावेदक भण्डारणकर्ता दादा गुरु कन्स्ट्रक्शन प्रो. राजू सराठे पर अर्थशास्ति और पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की कुल शास्ति राशि की दुगुना राशि 352800 रुपए अधिरोपित की गई है।

कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा के माध्यम से प्रस्तुत प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व परासिया के प्रतिवेदन 18 जनवरी 2024 के अनुसार जिले की तहसील परासिया के ग्राम जाटाछापर स्थित भूमि खसरा नंबर 232/2 रकबा 0.073 हेक्टेयर जो राजस्व अभिलेख में बेनीराम पिता नारायण प्रसाद के नाम से दर्ज हैं। इस भूमि पर अनावेदक दादा गुरु कन्स्ट्रक्शन प्रो.राजू सराठे की ओर से उपस्थिति प्रतिनिधि कर्मचारी दिलीप विश्वकर्मा निवासी नरसिंहपुर नाका वार्ड नंबर-16 छिन्दवाड़ा द्वारा 24 घनमीटर खनिज रेत तथा 24 घनमीटर खनिज गिट्टी को अवैध रूप से भण्डारित किया गया। इस संबंध में मौके पर भण्डारित खनिज के संबंध में अनावेदक द्वारा कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने से अनावेदक पर अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने की अनुशंसा की गई।

जिसमें खनि निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं अनावेदक द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं संलग्न दस्तावेजों का सूक्ष्मता से परिशीलन एवं अवलोकन करने के उपरांत म.प्र.खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अध्याय 5 नियम 18 (2) एवं (4) के अनुसार अनावेदक भण्डारणकर्ता दादा गुरु कन्स्ट्रक्शन प्रो. राजू सराठे पर अवैध भण्डारण किये जाने पर नियमानुसार अर्थशास्ति व पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की राशि का योग कुल शास्ति राशि 176400 रूपये एवं 1000 रुपए की प्रशमन राशि को मिलाकर कुल शास्ति मय प्रशमन शुल्क 177400 रूपये अधिरोपित करने के लिये प्रस्तावित किया गया। लेकिन अनावेदक द्वारा प्रशमन स्वीकार नहीं किए जाने के कारण नियम के प्रावधान अनुसार अर्थशास्ति एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के कुल योग 176400 रुपए की दुगुना राशि 352800 रूपए की शास्ति अधिरोपित की गई है।

उन्होंने खनि अधिकारी को निर्धारित प्रावधानों के अनुसार शास्ति की राशि निर्धारित मद में शासन के पक्ष में जमा कराई जाने की अग्रिम कार्यवाही करने और आरोपित शास्ति की राशि की प्रविष्टि अर्थदण्ड पंजी में कराये जाने के निर्देश दिये है ।

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