सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा / पांढुर्णा :– जेल में भाऊराव उईके की संदिग्ध मौत का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। छिंदवाड़ा से लेकर पांढुर्णा जिले में यह मामला निरंतर गूंज रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी इस मामले में जेल विभाग को नोटिस जारी किया हुआ है। तिगांव निवासी भाऊराव उईके की संदिग्ध मौत के मामले में पिछले कुछ दिनों से लगातार विभिन्न संगठन और जनप्रतिनिधि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग और दूसरों पर कार्रवाई के लिए लगातार आंदोलन और ज्ञापन दे रहे हैं।
विदित हो की भाऊराव की पिछले माह अवैध शराब बिक्री के कथित मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार करके न्यायालय भेजा गया था जहां उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक की पत्नी शर्मिला का आरोप है कि उसके पति के साथ पुलिस ने जबरन मारपीट की और झूठा शराब का मामला बना दिया। इसके खिलाफ ग्रामीणों ने तीगांव में उग्र प्रदर्शन किया तो वही पुलिस अधीक्षक सहित एसडीएम कार्यालय में भी कांग्रेस गोंडवाना और गुलाबी गैंग ने ज्ञापन देकर उग्र आंदोलन के चेतावनी दी थी। जिसके बाद गुलाबी गैंग ने संयुक्त मोर्चे के साथ दो दिनों तक भूख हड़ताल और आमरण अनशन किया।
संयुक्त मोर्चे के बैनर तले आदिवासियों पर हो रहे लगातार अत्याचार और शोषण के खिलाफ गुलाबी गैंग ने पूर्व चेतावनी के अनुरूप जिला जेल तिराहा पर तीन जुलाई से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल और आमरण अनशन अपने समर्थको के साथ प्रारंभ कर दिया था। संयुक्त मोर्चे के इस अनशन में बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी जुटे ।जिसमें पूर्व विधायक जतन उईके सहित पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे और मृतक भाऊराव की पत्नी शर्मिला मौजूद रहे। शुक्रवार को छिंदवाड़ा तहसीलदार एचडी त्रिपाठी ने अनशन स्थल पर पहुंचकर गुलाबी गैंग कमांडर पूर्णिमा वर्मा सहित अन्य उपस्थित जनों को भाऊराव उईके की मौत की मामले में हो रही न्यायिक जांच और विभिन्न कार्रवाई से अवगत कराया और आगे भी ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन देकर अन शन तुड़वाया।

इस दौरान बड़ी संख्या में गुलाबी गैंग की सदस्यों के अलावा आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और अन्य क्षेत्रवासी मौजूद रहे। क्षेत्र में आदिवासियों के विरुद्ध लगातार हत्या, शोषण और झूठे मामले में फसाने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं, जिसको लेकर अब विभिन्न संस्थाएं आदिवासियों के समर्थन में आ रही है।