पहले संकल्प में की थी 61 किलोमीटर की जामसांवली पदयात्रा
दूसरे संकल्प में की थी 34 किलोमीटर की महादेव पदयात्रा
छिन्दवाड़ा से लेकर श्री रामेश्वर धाम सिहोरामाल तक हुआ पदयात्रा का भव्य स्वागत
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा। सांसद बंटी विवेक साहू ने अपने तीसरे संकल्प के साथ रामेश्वर धाम की 22 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी करते हुए श्री रामेश्वर धाम पहुंचकर भगवान शिव को त्रिशुल अर्पित किया।
इसके पहले सांसद श्री साहू ने पहला संकल्प लेकर 61 किलोमीटर की जामसांवली तक पदयात्रा कर जामसांवली के चमत्कारिक हनुमान जी को गदा भेंट किया था, वहीं दूसरे संकल्प लेकर सांसद श्री साहू ने महादेव भोलेनाथ की 17 किलोमीटर की चढ़ाई और 17 किलोमीटर की वापसी कुल 34 किलोमीटर की पदयात्रा की थी।
मंगलवार को सांसद जी के निजनिवास के सामने स्थित हनुमान मंदिर में विधिवत पूजा अर्जना कर सांसद श्री साहू ने अपनी तीसरी पदयात्रा शुरू की। छिन्दवाड़ा से लेकर के श्री रामेश्वर धाम सिहोरामाल तक जगह-जगह सामाजिक संगठनों, विशिष्ट नागरिकों व आमजन द्वारा पदयात्रा और सांसद श्री साहू का भव्य स्वागत कर यात्रा में शामिल होते गये। इस पदयात्रा में सैकड़ों की संख्या में भक्तजन, नागरिक एवं महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुई। इस दौरान सांसद श्री साहू ने अपने कंधों पर भगवान शिव को अर्पित करने वाला त्रिशुल धारण किया था। श्री रामेश्वर धाम सिहोरा माल पहुंचकर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर सांसद श्री साहू ने भगवान शिव को त्रिशुल अर्पित किया। रात्रि में ही विशेष पूजा अर्चन के साथ ही अभिषेक का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।
बुधवार 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री रामेश्वर धाम में विशेष पुजा अर्चन के साथ ही मंदिर पहुंचने वाले भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। भंडारे के दौरान श्री रामेश्वर धाम पहुंचने वाले शिव भक्तों के लिए भंडारे, पानी एवं बैठक की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। श्री रामेश्वर धाम सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने आमजनों से अपील की है कि वे श्री रामेश्वर धाम में पहुंचकर भगवान शिव का प्रसाद(भंडारा) ग्रहण करें।उल्लेखनीय है कि सांसद बंटी विवेक साहू ने अपने पहले संकल्प के साथ 22 सितंबर को चमत्कारिक हनुमान मंदिर के लिए 61किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की थी और 14 सितंबर को चमत्कारिक हनुमान मंदिर पहुंचकर हनुमान जी को गदा भेंट की थी। वहीं अपने दूसरे संकल्प के साथ 22 फरवरी को भूराभगत से चौरागढ़ तक 17 किलोमीटर की महादेव पदयात्रा पूर्ण की थी, जिसमें वे 17 किलोमीटर की चढाई कर 17 किलोमीटर पदयात्रा कर वापस भूराभगत पहुंचे थे।