सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा ।जिले के जुन्नारदेव ब्लॉक के दमुआ में एक दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब 7 वर्षीय मासूम बच्ची घर में अकेली थी। बच्ची के माता-पिता मजदूरी के लिए बाहर गए हुए थे। इस दौरान खेल-खेल में बच्ची ने घर में रखी छर्रे वाली बंदूक से फायर कर दिया। इस हादसे में छर्रे सीधे बच्ची के पेट में लग गए, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। परिजन बच्ची को तुरंत पास के अस्पताल ले गए, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने मामले की गंभीरता देखते हुए इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए।
इसके बाद बच्ची को छिंदवाड़ा के क्लेरिस हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉ. मनन गोगिया ने मामले की जिम्मेदारी ली। जांच के दौरान पता चला कि छर्रों के कारण बच्ची के पेट में 14 गंभीर चोटें आई थीं। डॉ. मनन ने इस जटिल मामले को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और तुरंत ऑपरेशन शुरू किया। घंटों चले इस ऑपरेशन में उन्होंने बच्ची के पेट से छर्रे निकालकर उसकी जान बचाई।
ऑपरेशन के बाद बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है। बच्ची के परिजनों ने इस अद्भुत सफलता के लिए डॉ. मनन गोगिया का आभार व्यक्त किया और उन्हें अपनी दुआएं दीं। डॉ. मनन ने अपनी कुशलता और समर्पण से साबित कर दिया कि एक डॉक्टर के लिए सबसे बड़ा धर्म मरीज की जान बचाना है। यह घटना न केवल डॉ. मनन की चिकित्सा विशेषज्ञता को दर्शाती है, बल्कि उनकी मानवता और समर्पण की मिसाल भी पेश करती है।