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जिले के ग्रामीण परिवेश की आदिवासी बालिका हिमानी भलावी ने तायक्‍वोंडो में रचा इतिहास

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्‍दवाड़ा/ कोई भी व्यक्ति यदि किसी कार्य के लिए संकल्पित है और उस दिशा में वह लगातार प्रयास करता है तो संकल्‍प की सिध्दि अवश्‍य होती है। ऐसे ही एक उदाहरण है छिंदवाड़ा जिले के जुन्‍नारदेव विकासखंड के गुढ़ी निवासी 17 वर्षीय हिमानी भलावी, जो जुन्‍नारदेव के एकलव्‍य मॉडल आवासीय विद्यालय में कक्षा 12वीं की छात्रा है।

हिमानी ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उसके शिक्षक ने सेल्‍फ डिफेंस के लिए कराटे और कोरियाई मार्शल आर्ट तायक्‍वोंडो के बारे में जानकारी दी, तायक्‍वोंडो उसे अच्‍छा लगा और उस दिशा में वह स्‍थानीय स्‍तर पर प्रयास करने लगी। सबसे पहले वह पास के गांव बावनवाड़ा में फिर जनपद स्‍तर पर जहां उसके प्रदर्शन को काफी सराहना मिली। उसने शहडोल में आयोजित तायक्‍वोंडो खेल में भाग लिया और राज्‍य स्‍तर तायक्‍वोंडो खेल इंदौर में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन किया। जिससे उसका चयन जबलपुर में आयोजित राष्‍ट्रीय तायक्‍वोंडो प्रतियोगिता जबलपुर के लिए हुआ।

हिमानी कहती है कि सितम्‍बर 2024 में वह मैंगलोर में अंतर्राष्‍ट्रीय तायक्‍वोंडो में भाग ली, जहां उसे कांस्य पदक मिला। अभी वह अपनी प्रशिक्षक डॉली चौरे के साथ जबलपुर में आयोजित संभागीय स्‍तरीय खेल में भाग लेने आई हैं। हिमानी कहती है कि सभी को सेल्‍फ डिफेंस के लिए कराटे या कराटे का दूसरा रूप तायक्‍वोंडो आना चाहिए। हिमानी भलावी एक ग्रामीण परिवेश की बालिका है, जिसके माता-पिता कृषि कार्य करते हैं, उनकी एक बड़ी बहन है जो कॉलेज में अध्‍यनरत है। वह तायक्‍वोंडो खेल को लेकर काफी उत्‍साहित है और कहती है कि खेल से जहां शारीरिक स्‍वस्‍थता बनी रहती है वहीं सेल्‍फ डिफेंस के साथ अच्‍छा फ्यूचर है।