Home CRIME साध्वी ने उड़ाए गुरु के 90 लाख ?

साध्वी ने उड़ाए गुरु के 90 लाख ?

रीना रघुवंशी के ऊपर धोखाधड़ी से पैसे निकालने के लगे आरोप,ब्रांच मैनेजर के साथ मिलकर निकाल ली स्व. संत कनकबिहारी दास जी के खाते से लाखो रुपए की रकम

सतपुड़ा एक्सप्रेस चौरई/ थाना चौरई में स्व.कनक बिहारी दास जी महाराज के उत्तराधिकारी श्याम सिंह जिनका मामला न्यायालय में अभी विचाराधीन है ने रीना रघुवंशी उर्फ लक्ष्मीदास एवम् स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक के ऊपर आरोप लगाते हुए एस डी ओ पी के नाम आवेदन दिया की स्वर्गीय कनक बिहारी दास जी जो आजीवन अविवाहित एवं बेऔलाद रहे जो कि दिनांक 17/ 4 /2023 को सड़क दुर्घटना में स्वर्गवासी हो गए थे ,आवेदक वसीयत सुधा वसीयत दिनांक 25 /3/ 2018 को उनकी प्रथम व अंतिम वसीयत आवेदक श्याम सिंह के नाम से कर दिए थे कि श्री राम जानकी मंदिर आश्रम नोनी कला उनके नाम समस्त भूमि चल एवं अचल संपत्ति बैंक खातों में जमा राशि को उनके ना रहने पर उनके स्थान पर आवेदक को उत्तराधिकारी अपने पूर्ण होश हवास में गवाह पंचों की उपस्थिति में लेकर निष्पादित उत्तराधिकारी बनाए थे ।

यह कि आवेदक को स्वर्गीय कनक बिहारी दास जी द्वारा उनके सेंट्रल बैंक शाखा चांद तहसील चंद जिला छिंदवाड़ा अंतर्गत स्थित बैंक खाता में आवेदक को अपना नॉमेनी बनाए थे और स्वर्गीय कनक बिहारी दास जी का भारतीय स्टेट बैंक शाखा चौरई जिला छिंदवाड़ा में एक बचत अमानत खाता संख्या 1127 32 97 124 पुराना खाता था मैं उनके जीवनकाल की जमा राशि 88 लाख 74 000 081 रुपए सूचित किए थे और दिनांक 16 /10 /2023 तक की स्थिति तक में जमा करके रखे हुए थे लेकिन वह स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा चौरई के उपरोक्त खाते में किसी भी व्यक्ति को अपना उत्तर अधिकारी व नॉमिनी नही बना पाए थे,आवेदक द्वारा उसे की गई वसीयत के आधार पर अनावेदक क्रमांक एक के समक्ष जमा राशियों की आहरण हेतु आवेदक द्वारा आवेदन किया गया जिसे अनावेदक क्रमांक एक के द्वारा उपरोक्त राशि आवेदक को देने से इसलिए मना कर दिया गया कि मृतक के खाते में कोई भी नॉमिनी नहीं है और आवेदक को सलाह दी गई कि वह समक्ष न्यायालय से उत्तरधिकारी प्रमाण पत्र प्राप्त कर उनके समक्ष प्रस्तुत करके करने पर ही भुगतान किया जाएगा ।

यह कि आवेदक द्वारा व्यवहार न्यायालय वरिष्ठ खंड छिंदवाड़ा में उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए स. प्रकरण क्रमांक 54 /2023 प्रस्तुत किया गया था तथा प्रकरण में प्रबंधक स्टेट बैंक शाखा चौरई को भी आवश्यक पक्षकार बनाया गया था तथा न्यायालय से उन्हें प्रकरण का नोटिस भी जारी किया गया था इसके अलावा आवेदक द्वारा समाचार पत्र में भी दिनांक 26 /11/ 2023 को न्यायालय का सूचना संबंध दावे पर दावा आपत्ति उक्त मृतक की अधिकार राशियों पर हक दावा रखने वालों को सूचित कराए जाने के लिए न्यायालय माध्यम से प्रकाशित कराया गया था तथा प्रथम पेशी दिनांक 31/12/ 2023 को उक्त उत्तराधिकारी प्रकरण में कोई दावा आपत्ति किसी भी व्यक्ति संस्था आदि के द्वारा नहीं की गई ,इसी दौरान और प्रकरण व्यवहार न्यायालय चौरई में स्थानांतरित कर दिया गया जो वर्तमान में माननीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड चौरई के समक्ष क्षेत्र प्रकरण क्रमांक 1/2023 दर्ज होकर दिनांक 12.9.2024 को लंबित है ।

तथा इस अंतरिक्ष प्रकरण का भी शाखा प्रबंधक चौरई को सूचना नोटिस जारी हुआ है कि उक्त शाखा प्रबंधक को इस बात की अच्छी तरह से जानकारी रही कि मृतक खातेदार कनक बिहारी दास जी की मृत्यु उपरांत उनके खाते में कोई नाम ही नहीं है और इस बाबा व्यवहार न्यायालय में उत्तराधिकारी बाबत प्रकरण लंबित है

इसके बावजूद भी उनके द्वारा जानबूझकर आवेदक के साथ व उक्त के खाते में धोखाधड़ी करते हुए अमानत में खयानत करते हुए उक्त भारी भरकम रकम को अनावधक को अवधि रूप से लोभ लालच में आकर अनावेदक क्रमांक दो बार अन्य व्यक्तियों को लाभ पहुंच जाने के लिए उनके साथ दांत करते हुए व्यास सहित करीब 90 लाख रुपए का गवन करने का अपराध कृत करते हुए समस्त जमा राशि को अपराध आफरी खुर्द बोर्ड कर दिया गया जो छल कपट धोखा दरी व आर्थिक गवन का अपराध है जो इस संबंध में संबंधित कहते कि मृतक की आवेदक के पास उपलब्ध पासबुक बैंक से उत्तर अधिकारी प्रकरण के दर्ज होने के बाद के हुए पहाड़ों की स्टेटमेंट दिनांक 31.12.2023 ₹1 आहरण कर लगातार जनवरी 2024 से लेकर 12.2.2024 तक 90 लाख रुपए की गई ।

अपराध अपनी प्रतिलिपियां वह व्यवहार न्यायालय के आदेश पत्रिका संदर्भित वसीयत की प्रमाणित प्रति भारतीय स्टेट बैंक प्रबंधक चौरई को न्यायालय का सूचना संबंध की प्रतिलिपि सहित वह शिकायत उचित जांच कर आर्थिक गवांन का अपराध करने वाले दोषियों की खोजबीन जांच कराए जाने दंडित कराए जाने तथा दोषियों से अहरण की गई रकम जब्त कर आवेदक को दिलाया जाने यहां शिकायत की है ।

उक्त मामले में जब शाखा प्रबंधक चौरई से उनके पक्ष जानने के लिए बात करने की कोशिश की गई तो छुट्टी होने के कारण बात नही हो पाई एवम् उनके कर्मचारियों ने उनका मोबाइल नंबर देने से मना कर दिया।