पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने तवा नदी और पेंच नदी के उद्गम स्थल पर पूजन अर्चन कर किया पौधारोपण…..

स्वस्थ और सुरक्षित जीवन के लिए जल और पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व- मंत्री श्री पटेल

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत आज छिंदवाड़ा जिले की जनपद पंचायत जुन्नारदेव की ग्राम पंचायत हिरदागढ़ के ग्राम हरियागढ़ में तवा नदी के उद्गम स्थल पर पूजन अर्चन किया तथा पौधारोपण कर इसे बचाये रखने की अपील की। इस अवसर पर प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान पर स्थानीय जनसमुदाय से चर्चा भी की। इस दौरान छिंदवाड़ा सांसद विवेक साहू, जनपद पंचायत अध्यक्ष सविता बोसम, उपाध्यक्ष गोवर्धन यदुवंशी, नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सालोडे, उपाध्यक्ष सोनिया कुमरे, सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अमले और ग्रामवासियों द्वारा भी पौधरोपण किया गया।

इसके बाद प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जनपद पंचायत तामिया की ग्राम पंचायत मुत्तोर के ग्राम आमाढाना में पेंच नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचकर पूजन अर्चन किया। यहां भी उन्होंने पौधारोपण किया तथा सभी से अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की। इस दौरान पूर्व विधायक नत्थन शाह कवरेती, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार, जनपद पंचायत अध्यक्ष तामिया व जनपद उपाध्यक्ष जुन्नारदेव, जनपद पंचायत अध्यक्ष तुलसा परतेती, सुनील मर्सकोले, दुर्गेश सलामे, संतीश मिश्रा, वतन उपाध्याय, विनोद अग्रवाल, यशवंत सिंह कौरव, गोपाल साहू, नीलेश डेहरिया एवं प्रशासनिक अधिकारीयो में जिला पंचायत एसीईओ पी.राजोदिया, जुन्नारदेव एसडीएम कामिनी ठाकुर, सीईओ जनपद पंचायत जुन्नारदेव रश्मि चौहान, मनरेगा एसडीओ रामवती कैथवास, ललित वैध, फारेस्ट एसडीओ एच.सी. बघेल, परासिया एसडीओ विजेंद्र खोबरागड़े, रेंजर हिमांशु विश्वकर्मा सहित सभी अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मंत्री श्री पटेल ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुये कहा कि पेड़ है तो जल है और जल है तो जीवन है। आने वाली पीढ़ी के स्वस्थ और सुरक्षित जीवन के लिए जल और पर्यावरण को बचाना हर इंसान की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने पर्यावरण को लेकर व्यापक चर्चा की। उन्होंने मुतौर से आमाढाना मार्ग में पुलिया निर्माण के निर्देश दिए। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जल स्त्रोत सूख रहे है, वन कम हो रहे है, अगर यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी हमें इसके लिए दोषी ठहराएगी। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने सभी जल स्त्रोंतों को बचाना और उन्हें बढ़ाना बहुत ज़रूरी है इसके लिए हमें पेड़ लगाने और उसे जीवित रखने का संकल्प लेना होगा। हमारे पूर्वज बहुत दूरदर्शी और बुद्धिमान थे। उन्होंने नदियों और तालाबों के पास पेड़ लगाए। आने वाली पीढ़ी के लिए पहले से ही कुएं, बावड़िया, कुंडों, तालाब, झीलों एवं घाटों का निर्माण करवाया और हमें सौगात के रूप में देकर गए है।

ग्रामीणों को किया जागरूक – प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान केवल प्रदेश सरकार का नहीं है, यह प्रत्येक नागरिक का अभियान है। उन्होंने कहा कि जब अभियान प्रारंभ किया था तब मैंने भी तय किया कि मैं नदियों के उद्गम स्थल तक जाउंगा और मैं लगातार उद्गम स्थल पर जा रहा हूं और आज तवा नदी के बाद पेंच नदी के उद्गम स्थल पर आया हूं। इस मौके पर मंत्री श्री पटेल ने सभी को पेंच नदी के संरक्षण की शपथ दिलाई।

नदिया माँ समान है, उनकी उपेक्षा करना अक्षम है- प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जैसे जन्म देने वाली मां की उपेक्षा करने वाले को माफ नही किया जा सकता, उसी तरह उस सभ्यता व समाज को माफ नहीं किया जा सकता है जो अपनी जीवन देने वाली नदियों की उपेक्षा करता है। वृक्ष है तो जल है और जल है तो जीवन है। आने वाली पीढ़ी के स्वस्थ और सुरक्षित जीवन के लिए जल और पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। मानव ने अपने स्वार्थ के लिए जल, जंगल सहित अनेक प्राकृतिक संपदा का दोहन किया है, जिसके दुष्परिणाम भी देखने मिल रहे हैं। आज नदियाँ सूख रही हैं, तालाबों में पानी नहीं है, पर्यावरण दूषित हो रहा है। इन सबके मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे रहा है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी हमें इसके लिए दोषी ठहराएगी। उन्होंने कहा आज हमें अपने सभी जल स्त्रोंतों का संरक्षण और संवर्धन करने के साथ ही पेड़ लगाने और उसे जीवित रखने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज बहुत दूरदर्शी और बुद्धिमान थे। उन्होंने नदियों के उद्गम और जल स्रोतों के समीप जल और पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल प्रजातियों के पौधे लगाए। जल स्त्रोंतो के पास अधिक जल अवशोषित करने वाले पौधे नहीं लगाना चाहिए, बल्कि जल उत्सर्जित करने वाले पौधों का रोपण करना चाहिए। इससे हमारे जल स्रोत जीवित रहेंगे। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पेंच नदी का पानी का उपयोग सभी ने किया। इस दृष्टि से भी पेंच नदी के पुनर्जीवित के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण कर उन्हें जीवित रखने का संकल्प लेना होगा।

उन्होंने कहा कि जल और पर्यावरण संरक्षण पूरे समाज की जिम्मेदारी है । जल है तो कल है। हम सभी को जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। वर्षा के जल को जितना अधिक रोक सकें रोकना होगा। नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ियों, पोखर के साथ ही सभी जल स्त्रोंतों की सफाई, गहरीकरण एवं जीर्णोद्धार करना होगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी जमा किया जा सके। उन्होंने उद्गम स्थल का निरीक्षण किया और दोनों किनारों पर किसानों की सहमति से पौधरोपण कराने के लिए कहा।