सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।तामिया से जुन्नारदेव स्टेट हाईवे सड़क का निर्माण तामिया विकासखंड का भरिया ढाना मोहल्ला जहा भरिया जनजाति के 200 परिवारों के लोगों निवास करते हैं इनकी असुविधा का कारण बना हुआ है ,एक तरफ जहां और केंद्र सरकार राज्य सरकार आदिवासी जनजाति कल्याण के लिए उनकी मूलभूत सुविधाओं के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही है जनजाति के विकास के लिए के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना ला रहे है वहीं पर तामिया ब्लॉक में भारिया जनजाति के लोगों को प्रशासन के द्वारा दिखाई जा रही उदासीनता के कारण असुविधा का सामना करना पड़ रहा है ऐसा ही एक मामला देखने को आया है तामिया के भरिया ढाना मोहल्ले में जहां पर लगभग 200 के लगभग भरिया परिवार रहते हैं वहां पर सड़क निर्माण का कार्य हो रहा था सड़क निर्माण के कार्य में न केवल गुणवत्ता निम्न कोटि पर रखा गया बल्कि निर्माण इस तरह किया गया है कि आने वाले बारिश की समय में जो भी पानी बहे वह इन भरिया बस्ती के घरों में जाकर भर जाएगा । वहीं सड़क निर्माण के दौरान नल जल योजना की पाइपलाइन भी टूट गई है जिससे ग्रामीणों को गर्मी में पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है सड़क निर्माण कंपनी द्वारा आज दिनांक तक पाइप लाइन सही नहीं कराई गई है ।
बारिश में सड़क का पानी घरों में घुस जायेगा।नाली निर्माण की मांग करते हुए भरिया ढना में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला जहां पर ग्रामीण सामूहिक रूप से एकत्र होकर इस निर्माण कार्य का विरोध किया जिसमें उनकी बारिश के समय में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया है गर्मी में पानी की व्यवस्था नहीं की गई है सड़क निर्माण मापदंडों के अनुसार न बनने के कारण एवं कमीशन खोरी और घूसखोरी के चलते यहां के निवासियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है यहां पर प्रशासन एवं स्थानीय भरिया समुदाय में टकराव की स्थिति देखने को मिली जिसके लगभग 200 300 भरिया समुदाय के आदिवासियों ने इस अव्यवस्थित सड़क निर्माण के लिए सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया ।
विरोध को शांत करने के लिए और प्रशासन से सामजस्य बनाने के लिए स्थानीय नेताओं ने समजाइस दी। मौके पर पहुंचे भाजपा नेता सतीश मिश्रा ,कुरेश देहरिया, वतन उपाध्याय ,विनोद अग्रवाल ,आकाश मंडराह,रोशन उइके,शैलेंद्र डेहरिया, प्रकाश परते नायब तहसीलदार तामिया द्वारा प्रशासन और भारिया समाज में सामंजस्य बनाने की कोशिश की एवं बैठकर इस समस्या का समाधान खोजने की पहल शासन के साथ की गई ,इसके बाद अनविभागीय अधिकारी कलेक्टर महोदय क्या एक्शन लेते हैं यह आगे देखना होगा इस पूरे विवाद में एसडीएम की उदासीनता भी देखने को मिली क्योंकि उनके द्वारा भारीया जनजाति के लोगों से बात करने की करने की कोई कोशिश नहीं की गई जबकि लोगों ने संपर्क करने की कोशिश की तो उनके द्वारा कोई उचित जवाब नहीं दिया गया।जिस कारण विरोध और धरना प्रदर्शन की रणनीति बनाई गई के अलावा समय-समय पर हम देख रहे हैं कि जनपद द्वारा जो निर्माण कार्य हो रहे हैं उनमें भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है एवं स्थानीय लोगों की सुविधाओं का भी ध्यान नहीं रखा गया जो पुल पुलिया बनाए जा रहे हैं उसमें भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है आने वाली बारिश के समय में काफी समस्याएं पैदा होने वाली है इस विषय में अनुविभागीय अधिकारी एवं लोगों के साथ बैठकर व्यवस्थित कार्य योजना बनाकर उसे यथार्थ की धरातल पर परिणत करना चाहिए अन्यथा ऐसे टकरावआगे भी देखने को मिलेंगे।