Home AGRICULTURE कृषि विज्ञान केंद्र चंदनगांव में जैविक उत्पादक कृषक प्रशिक्षण का हुआ उद्घाटन

कृषि विज्ञान केंद्र चंदनगांव में जैविक उत्पादक कृषक प्रशिक्षण का हुआ उद्घाटन

एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम जॉब रोल के तहत

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र चंदनगांव छिंदवाड़ा में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम जॉब रोल के तहत जैविक उत्पादक कृषक का प्रशिक्षण 27 मई 2024 से 22 जून 2024 का उद्घाटन गत दिवस कृषि विज्ञान केंद्र में किया गया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.डी.सी.श्रीवास्तव द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को जैविक खेती के विषय में बताया गया एवं किस प्रकार स्किल डेवलपमेंट के द्वारा हम यह प्रशिक्षण कर सकते हैं, इस विषय कि जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि विज्ञान केंद्र देलाखारी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.आर.सी.शर्मा द्वारा किसानों को मार्गदर्शन दिया गया और यह बताया कि हम धीरे-धीरे रसायनों का प्रयोग कम करके कुछ एक जमीन के हिस्से में जैविक खेती को अपनाकर अपने परिवार को सुरक्षित कर सकते हैं। जब हमारा परिवार सुरक्षित होगा तो हम आगे अपने समाज एवं देश के बारे में भी सोच सकते हैं।

कार्यक्रम में उद्यानिकी विभाग के उप संचालक एम.एल.उइके ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को फलों एवं सब्जियों को लगाकर भी अपनी आय को बढ़ा सकते हैं, के विषय में जानकारी दी। पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि बिना गाय के बिना पशुपालन के हम खेती के विषय में सोच नहीं सकते। जहां पशुपालन होगा वहीं पर जैविक खेती की जा सकती है। पशुपालन और खेती एक दूसरे के पूरक है।

प्रगतिशील कृषक मेरसिंह चौधरी द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण की उपयोगिता बताते हुए जैविक खेती क्यों करनी चाहिए इसका महत्त्व क्या है और क्यों हमें पुरातन की ओर जाना जरूरी है ऐसी महत्त्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ.सरिता सिंह द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा प्रशिक्षण के उद्देश्य एवं परीक्षा के विषय में बताया गया। अंजलि कृषि अनुसंधान के डॉ. गौरव महाजन द्वारा भी सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण का महत्व बताते हुए चर्चा की गई। मंच का संचालन डॉ.आर.के.झाड़े द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक रिया ठाकुर, नितेश गुप्ता, सुंदरलाल अलावा व चंचल भार्गव उपस्थित थे।