Home AGRICULTURE किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैपीसीडर एवं सुपरसीडर

किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैपीसीडर एवं सुपरसीडर

‍उप संचालक कृषि श्री सिंह ने ग्राम सिंगोड़ी में किया ग्रीष्मकालीन मूंग फसल का निरीक्षण

हैपीसीडर से बोनी नरवाई प्रबंधन का बेहतर विकल्प- उप संचालक कृषि

हैपीसीडर एवं सुपरसीडर तकनीक से ग्रीष्मकालीन फसल की हुई अच्छी पैदावार

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / कलेक्टर छिंदवाड़ा शीलेन्‍द्र सिंह के निर्देशानुसार उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह ने कृषि अधिकारियों के साथ जिले के विकासखंड अमरवाड़ा के ग्राम सिंगोड़ी में प्रगतिशील कृषक मुकुल जैन व मनीष जैन के खेत पर ग्रीष्मकालीन मूंग फसल का आकस्मिक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान पाया गया कि हैप्पी सीडर से लगभग 25 एकड में बोई गई ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल अच्छी है। साथ ही गहरी जुताई प्लाउ द्वारा खेत की नरवाई खेत में मिलने का प्रदर्शन भी देखा ।

उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि इस वर्ष ज़िले में प्रयास करके लगभग 1000 एकड़ में हैपीसीडर एवं सुपरसीडर के द्वारा बिना जुताई किये सीधे मूँग फसल की बोनी की गई है जिसे किसानों द्वारा बहुत पसंद किया गया है। उन्होंने बताया कि हैपीसीडर से बोनी नरवाई प्रबंधन का बेहतर विकल्प है । छिंदवाड़ा ज़िले में लगभग 10000 हेक्टर में ग्रीष्मकालीन मूँग की बोनी होती है।

इस वर्ष बीसा संस्थान जबलपुर एवं कृषि अभियान्त्रिकी व कस्टमहायरिंग केंद्रों में उपलब्ध हैपीसीडर द्वारा ज़िले में लगभग 1000 एकड़ में हैपीसीडर द्वारा गेंहूँ कटाई के तत्काल बाद बिना जुताई किये सीधे मूँग फसल की बोनी की गई है जिसके परिणाम स्वरूप फसल बहुत अच्छी हुई है । इस तकनीक से किसानों को नरवाई जलाने की समस्या से निजात मिली और समय की बचत होती है। इस तकनीक से फसल लगभग 10 दिन पहले पककर तैयार हो जाती है व मिट्टी का उपजाऊपन बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि नरवाई मलचिंग का कार्य करती है जिससे खरपतवार कम होते हैं साथ ही कम पानी में फसल पककर तैयार हो जाती है व लागत कम हो जाती है तथा नरवाई नहीं जलाने से पर्यावरण भी अच्छा रहता है ।