कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता,पूर्व उपाध्यक्ष संजय मसानी एवं महामंत्री राकेश सिंह यादव की संयुक्त प्रेस वार्ता
छिंदवाड़ा अनाथ नहीं है,उसे गोद की नही,तपस्या की जरुरत है
परिवार वाद भाजपा की नियती और नीयत है
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा ।आज फिर से पूरे देश की नजरों में छाया हुआ है छिंदवाड़ा भारतीय जनता पार्टी के सारे नेता इस एक सीट पर अपनी जान लड़ाये हुए हैं।सेवा के लिये नहीं सत्ता के लिये। छिंदवाड़ा कमलनाथ की तपस्या की सीट है उन्होंने इसे विकास के एक महत्वाकांक्षी मॉडल के रूप में देश के सामने रखा है सभी जानते हैं की कमलनाथ की इस तपस्या नगरी को देखकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी कमलनाथ को अपना.गुरु कहते.हैं। कमलनाथ के काम ने उन्हें भाजपा के नेताओं का भी गुरु बनाया यही बात प्रफुल्ल पटेल भी सार्वजनिक रूप से कहते हैं छिंदवाड़ा का अपना एक पालक है उसका अपना नाथ है छिंदवाड़ा अनाथ नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के फोकट नेता इसे गोद लेने की चर्चा करने लगें। छिंदवाड़ा को किसी की गोद नहीं चाहिए ।छिंदवाड़ा को कमलनाथ जैसी तपस्या और एक निष्ठा चाहिए।
आज पूरा छिंदवाड़ा ही नहीं पूरा मध्य प्रदेश यह जानता है की कमलनाथ ने केवल दिया ही दिया है उन्होंने न रेत का खेत लगाया, ना शराब में डुबाया , ना गरीब आदिवासियों की जमीनें पकड़ीं।उनकी 50 साल की सेवा में कोई दाग नहीं लगा।
कमलनाथ ने जमीन से बीज उठाये उन्हें अंकुरित किया और वृक्ष बनाया।जबकि भाजपा नेता ने भाजपा के लगे लगाये बृक्ष काट डाले। एक साथ कुनवी ,रघुवंशी ,ब्राह्मण,पंवार,आदिवासी, सब नेतृत्व पीछे और दलबदलू आगे।आजकल कुछ दागी नेता छिंदवाड़ा की तुलना नागपुर से करना चाहते हैं। उन्हें नहीं पता कि नागपुर हमारी राजधानी थी।
उन्हें 20 साल के मुख्यमंत्री के क्षेत्र बुधनी से तुलना करने में डर लगता है एक प्रधानमंत्री के क्षेत्र विदिशा से तुलना करने में डर लगता है ।भाजपा तुलना करना चाहती है तो अपने मुख्यमंत्री के क्षेत्र से तुलना करें ।जो नेता बाहर से आकर यहां बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि पीथमपुर किसने बनाया था ।
कांग्रेस की सरकारों ने जो बनाया उसमें बीजेपी ने क्या प्लस किया मालनपुर कांग्रेस ने बनाया और भाजपा के शासन काल में उजड़ गया भोपाल के गोविंदपुरा की 60% इकाइयां बंद पड़ी है बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र में 20 सालों में भाजपा ने क्या किया? कमलनाथ जी रेमंड्स और भंसाली, हिंदुस्तान लीवर जैसे समूह को छिंदवाड़ा में लेकर आये एकाध नाम बीजेपी भी तो गिना दे।
भाजपा चाल चरित्र चेहरे का नारा देती है आपकी तराजू पर दोंनों उम्मीदवार हैं ।भाई नकुल नाथ और भाजपा के उम्मीदवार को चाल चरित्र चेहरे के तराजू पर आप खुद तौल लीजिये।नाथ परिवार खुले दिल से जनता की परेशानी में मदद करता है,जबकि अन्य लोग ब्याज खाते हैं।इदौर के एक नेता जो कल तक आसमान में थे अभी अभी गिरे हैं और छिदवाड़ा के पेड़ में अटके हैं।वे कह रहे थे कि पहली बार छिंदवाड़ा से भाजपा स्थानीय उम्मीदवार लड़ रहा है।वे छिंदवाड़ा का इतिहास नहीं जानते। रामचंद्र भाई शाह,भीकूलाल लक्ष्मीचंद,नारायण बाडीबा,गार्गीशंकर मिश्रा सभी स्थानीय थे। जबकि भाजपा ने जरूर 1997 में पटवा जी को बाहर से लाकर चुनाव लड़ाया था।कानून कहता है कि कोई व्यक्ति किसी क्षेत्र में 5साल रह ले तो उसका मूल निवासी सर्टीफिकेट बन जाता है।कमलनाथ जी तो 44 साल से सेवा कर रहे हैं।और भाजपा का एक मंत्री उन्हे बाहरी कहकर कानून का अपमान कर रहा है। मोदी जी काशी से लड़ रहे है,सुषमा जी विदिशा से लड़ीं , स्व.अटल जी दिल्ली से लड़े मुख्यम़त्री जी बतायें क्या ये बाहरी थे।
हर आदमी का कर्मक्षेत्र भगवत्ता तय करती है कमलनाथ एवं नकुलनाथ को ईश्वर ने छिंदवाड़ा के लिये चुना।कमलनाथ जी का वयक्तित्व ही ऐसा है कि अटल जी ने उन पर भरोसा कर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये दावोस भेजा था।