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चांद रोड हो रही है वीरान,आम के वृक्षों को बचाने सौपा ज्ञापन

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।नगर के चांद रोड बाईपास से बस स्टेण्ड तक सडक का निर्माण उदित इंफा कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। इस सड़क के किनारे कई वर्षों पूराने फलदार आम के वृक्ष लगे हुए है।

सडक निर्माण कंपनी के द्वारा उक्त वृक्षों को बिना कोई अनुमति के पूर्व में काटा जा रहा था जिसका विरोध समाजिक संगठन सहायता ग्रुप एवं नगरवासी के द्वारा किए जाने पर उक्त कार्य को रोक दिया गया था। और आश्वत किया गया था की जिन वृक्षों की डालियों से दिक्कत होंगी सिर्फ उनकी छटाई की जावेगी। किन्तु उक्त कंपनी द्वारा पूनः सड़क का कार्य आरंभ किया गया है इस दौरान कंपनी के द्वारा अपने मनमाने रूप से कार्य करते हुए उक्त वर्षों पूराने फलदार वृक्षों की जड़ों की कटाई मशीन से की जा रही है जिससे उक्त फलदार वृक्षों के नष्ट होने की संभावना है। जिसके संबंध में बोलने पर भी उक्त कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा अपनी मनमानी की जा रही है और वृक्षों की कटाई को नहीं रोका जा रहा है। उक्त कंपनी के द्वारा वृक्षों की कटाई के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई है। जबकि उक्त वृक्षों की कटाई किए बिना भी सड़क का निर्माण हो सकता है। जिला प्रशासन के नाम ज्ञापन सौंपकर उक्त संबंध में वैधानिक कार्यवाही की जाकर उक्त वृक्षों की कटाई रूकवाने की मांग की।

सामाजिक कार्यकर्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दुःख हो रहा है, हमारे चौरई के चांद रोड में लगे पेड़ो को बड़े बेरहमी से काटा जा रहा जड़ों को मशीनों से काटा जा चुका, अब पेड़ की जिंदगी ज्यादा दिन की नहीं बची,, उसे चांद रोड में जो सीसी रोड बना रहे हैं उनके द्वारा ऐसा किया गया है।और ये पेड़ हमारे चौरई की सुंदरता है , धरोहर है , प्राण वायु फलदार पेड़ों से हमारी चौरई सुशोभित होती है , उनकी जड़ों को काट दिया गया है।जबकि पेड़ो को बिना क्षति पहुंचाए पहले से तीन गुनी चौड़ी रोड बन सकती है, इतनी जगह है आप जाकर देख सकते हैं।पहले पर्यावरण प्रेमियों से सड़क निर्माता के लोगों से बात हुई थी तो उन्होंने यही आश्वासन दिया था कि आम के वृक्ष में कोई क्षति नहीं होगी, एक भी पेड़ को कुछ नहीं होगा। फिर कुछ दिन बाद आम की डालियां काटी गई यह बोलकर कि बस थोड़ी सी डालियां ही काटना है , फिर उसके बाद बुरी तरह से बड़ी डालियां काटने लगे जो काटने की आवश्यकता नहीं थी , और अब तो हद हो गई, लगभग 4-5दिन पहले अधिकांशतः पेड़ों की जड़ों को मशीनों से काट दिया गया है।