मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) का प्राथमिक उद्देश्य इसे युवा विकास के लिए एक संपूर्ण सरकारी मंच बनाना
मंत्रिमंडल ने तीन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों- लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के खनन के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी दी
सतपुड़ा एक्सप्रेस दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज ‘मेरा युवा भारत’ (एमवाई भारत) नाम के एक स्वायत्तशासी निकाय की स्थापना को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य युवाओं के विकास और युवा नेतृत्व वाले विकास के लिए प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित एक व्यापक सक्षम तंत्र के रूप में कार्य करना और युवाओं को समान पहुंच प्रदान करते हुए उनकी आकांक्षाओं को साकार करना और सरकार के संपूर्ण दायरे में विकसित भारत का निर्माण करना है।
प्रभाव:
मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) का प्राथमिक उद्देश्य इसे युवा विकास के लिए एक संपूर्ण सरकारी मंच बनाना है। नई व्यवस्था के तहत युवा, संसाधनों तक पहुंच और अवसरों से जुड़ाव के साथ, परिवर्तन के एजेंट और राष्ट्र निर्माता बन जाएंगे और सरकार तथा नागरिकों के बीच युवा सेतु के रूप में कार्य कर सकेंगे। यह व्यवस्था राष्ट्र निर्माण के लिए अपार युवा ऊर्जा का उपयोग करेगी।
विवरण:
मेरा युवा भारत (एमवाई भारत), एक स्वायत्तशासी निकाय होगा। राष्ट्रीय युवा नीति में दी गई ‘युवा’ की परिभाषा के अनुरूप, 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के युवा इससे लाभान्वित होंगे। विशेष रूप से किशोरों के लिए बनाए गए कार्यक्रम घटकों के मामले में, लाभार्थी 10-19 वर्ष के आयु वर्ग के होंगे।
मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) की स्थापना से इन बिन्दुओं को बढ़ावा मिलेगा:
क. युवाओं में नेतृत्व विकास:
- अलग-अलग व्यक्तिगत संपर्क की जगह प्रोग्रामेटिक कौशल का विकास कर अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से नेतृत्व कौशल में सुधार होगा।
- युवाओं में अधिक निवेश करके उन्हें सामाजिक नवाचार और समुदाय नेता बनाने का कार्य किया जाएगा।
- युवा नेतृत्व वाले विकास पर सरकार का ध्यान केंद्रित करना और युवाओं को निष्क्रिय प्राप्तकर्ता की जगह विकास का “सक्रिय चालक” बनाना।
ख. युवा आकांक्षाओं और सामुदायिक आवश्यकताओं के बीच बेहतर तालमेल।
ग. मौजूदा कार्यक्रमों का सम्मिलन कर युवाओं की दक्षता में वृद्धि करना।
घ. युवा लोगों और मंत्रालयों के लिए वन स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करना।
ड. एक केंद्रीकृत युवा डेटा बेस बनाना।
च. युवा सरकारी पहलों और युवाओं के साथ जुड़ने वाले अन्य हितधारकों की गतिविधियों को जोड़ने के लिए दोतरफा संचार में सुधार।
छ. एक भौतिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हुए पहुंच सुनिश्चित करना।
पृष्ठभूमि:
सरकार ने, तेजी से बदलती दुनिया में, जहां तीव्र गति का संचार, सोशल मीडिया, नए डिजिटल अवसर और उभरती प्रौद्योगिकियों का वातावरण है, युवाओं को शामिल करने और ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित उनका सशक्तिकरण करने के लिए यह निर्णय लिया है कि एक नए स्वायत्तशासी निकाय, अर्थात् मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) के रूप में एक व्यापक सक्षम तंत्र स्थापित किया जाए।
मंत्रिमंडल ने तीन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों- लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के खनन के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के संबंध में रॉयल्टी की दर तय करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (‘एमएमडीआर अधिनियम’) की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
हाल ही में, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 संसद द्वारा पारित किया गया था, जो 17 अगस्त, 2023 से लागू हो गया है। संशोधन के जरिये अन्य बातों के अलावा, लिथियम और नायोबियम सहित छह खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया गया है, जिससे नीलामी के माध्यम से निजी क्षेत्र को इन खनिजों के लिए रियायतें देने की अनुमति मिल जाएगी। इसके अलावा, संशोधन में प्रावधान किया गया है कि लिथियम, नायोबियम और आरईई (यूरेनियम और थोरियम रहित) के साथ 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों (जो अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग डी में सूचीबद्ध हैं) के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
रॉयल्टी की दर के मामले में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार लिथियम, नायोबियम और आरईई के लिए ब्लॉकों की नीलामी करने में सक्षम होगी। ब्लॉकों की नीलामी में बोलीकर्ताओं के लिए खनिजों पर रॉयल्टी दर एक महत्वपूर्ण वित्तीय पक्ष है। इसके अलावा, इन खनिजों के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) की गणना के लिए खान मंत्रालय द्वारा प्रणाली भी तैयार की गई है, जो बोली मापदंडों के निर्धारण को सक्षम करेगी।
एमएमडीआर अधिनियम की दूसरी अनुसूची विभिन्न खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें तय करती है। दूसरी अनुसूची की मद संख्या 55 में यह प्रावधान है कि जिन खनिजों की रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की गई है, उनके लिए रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) का 12 प्रतिशत होगी। इस प्रकार, यदि लिथियम, नायोबियम और आरईई के लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की जाती है, तो उनकी डिफ़ॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी। यह अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की तुलना में काफी अधिक है। साथ ही, 12 प्रतिशत की यह रॉयल्टी दर अन्य खनिज उत्पादक देशों के बराबर नहीं है। इस प्रकार, लिथियम, नायोबियम और आरईई की उचित रॉयल्टी दर निम्नानुसार निर्दिष्ट करने का निर्णय लिया गया है:
(i) लिथियम – लंदन मेटल एक्सचेंज मूल्य का तीन प्रतिशत,
(ii) नायोबियम – औसत बिक्री मूल्य का तीन प्रतिशत (प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों दोनों के लिए),
(iii) आरईई- रेयर अर्थ ऑक्साइड के औसत बिक्री मूल्य का एक प्रतिशत
देश में आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खनिज जरूरी हो गए हैं। ऊर्जा परिवर्तन और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के प्रति भारत के संकल्प को मद्देनजर रखते हुए लिथियम और आरईई जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की अहमियत बढ़ गई है। लिथियम, नायोबियम और आरईई भी अपने उपयोग और भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण रणनीतिक तत्वों के रूप में उभरे हैं। स्वदेशी खनन को प्रोत्साहित करने से आयात में कमी आएगी और संबंधित उद्योगों तथा अवसंरचना परियोजनाओं की स्थापना होगी। इस प्रस्ताव से खनन क्षेत्र में रोजगार बढ़ने की भी उम्मीद है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने हाल ही में आरईई और लिथियम ब्लॉक की अन्वेषण रिपोर्ट सौंपी है। इसके अलावा, जीएसआई और अन्य अन्वेषण एजेंसियां देश में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की पड़ताल कर रही है। केंद्र सरकार लिथियम, आरईई, निकेल, प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट्स, पोटाश, ग्लौकोनाइट, फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट, मोलिब्डेनम इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी का पहला दौर शीघ्र ही शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।