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छिंदवाड़ा सड़क ठेका घोटाला: ब्लैकलिस्टेड EPF सर्टिफिकेट और एक्सपायर लेबर लाइसेंस के साथ मिली ₹2.39 करोड़ की टेंडर मंजूरी

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। नगर निगम छिंदवाड़ा के ₹2 करोड़ 39 लाख के सड़क और नाली निर्माण ठेके में घोटाले की परतें लगातार खुलती जा रही हैं। ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी अर्णव एंटरप्राइजेस पर अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है—कंपनी का लेबर लाइसेंस एक्सपायर पाया गया है, फिर भी निगम ने पात्रता की अनदेखी कर इसे ठेका दे दिया।इसके पहले सामने आया था कि कंपनी द्वारा लगाया गया EPFO का EPF प्रमाणपत्र ब्लैकलिस्टेड फर्म (देवेंद्र धनौरिया, वर्ष 2017) का था, जो टेंडर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

विभाग का जवाब भी संदेह के घेरे में हाईकोर्ट में पेश निगम का जवाब भी सवालों के घेरे में है। बताया जा रहा है कि विभाग ने अपने अभ्यावेदन में कई बिंदुओं पर स्पष्टता नहीं दी है हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 5 जनवरी को अब मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को निर्धारित की गई है।

टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियों की पूरी टाइम लाइनअप्रैल 2025 में नगर निगम द्वारा सीसी रोड, बीटी रोड और नाली निर्माण के लिए निविदा जारी की गई थी।अर्णव एंटरप्राइजेस ने अनुभव प्रमाणपत्र, एम-20 ग्रेड कार्य का अनुभव और वैध लेबर लाइसेंस प्रस्तुत नहीं किया।EPF प्रमाणपत्र भी ब्लैकलिस्टेड कंपनी का पाया गया। टेंडर में केवल दो प्रतिभागी थे, फिर भी दस्तावेज अधूरे पाए जाने पर टेंडर रिकॉल नहीं किया गया।दर्ज आपत्तियों को दरकिनार कर 17 अक्टूबर को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया।अधिकारी चुप्पी साधे बैठे निगम आयुक्त सी.पी. राय और कार्यपालन यंत्री हिमांशु अतुलकर से प्रतिक्रिया लेने के प्रयास विफल रहे। दोनों ने फोन कॉल रिसीव नहीं किया।

इस नए खुलासे—एक्सपायर लेबर लाइसेंस और ब्लैकलिस्टेड EPF दस्तावेज—ने पूरे ठेका आवंटन को और भी ज्यादा संदेहास्पद बना दिया है। अब शहरभर की निगाहें हाईकोर्ट की 5 जनवरी की सुनवाई पर टिकी हैं।

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