सांसद ने लोकसभा ने कहा दवा निर्माण और परीक्षण के लिए कानूनी और नियामक ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु तत्काल और निर्णायक कदम उठाए जाए
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा। सांसद बंटी विवेक साहू लोकसभा में देश के ज्वलिंत मुद्दों पर लगातार अपनी बात रख रहे है। जिसका जवाब केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा दिया जा रहा हैं। शुक्रवार को सांसद श्री साहू ने लोकसभा में कफ सिरप मामले को लेकर तमिलनाडु सरकार को घेरा। सांसद ने लोकसभा ने कहा कि मैं सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूँ कि दवा निर्माण और परीक्षण के लिए कानूनी और नियामक ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु तत्काल और निर्णायक कदम उठाए जाए।
बंटी विवेक साहू ने लोकसभा में शुन्यकाल के दौरान कफ सिरप मामले को लेकर अपनी बात रखते हुए लोकसभा सभापति से कहा महोदय मैं एक बहुत ही संवेदनशील विषय पर चर्चा कर रहा हूँ। मैं आज दुखी मन से मेरे संसदीय क्षेत्र छिन्दवाड़ा के परासिया में पिछले दिनों अमानक कफ सिरप से जान गंवाने वाले बच्चों तथा उनके परिवारों के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त करते हुए व्यवस्था बनाने का अनुरोध करना चाहता हूँ। यह घटना मेरे लिए अत्यत पीड़ादायक है। इस घटना ने हम सभी को स्तब्ध किया है। उन्होंने कहा महोदय मैं आपके माध्यम से सरकार का ध्यान दवाइयों के निर्माण की प्रक्रिया की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। भोपाल राज्य फोरेंसिक साइस लैबोरेटरी द्वारा किए गए परीक्षण के अनुसार जानलेवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायथीलीन ग्लाइकोल निर्धारित मात्रा से 400 प्रतिशत अधिक मात्रा में पाया गया और यह कैमिकल बच्चों के लिए घातक साबित हुआ और इसके सेवन से कई बच्चों की मौत हुई।
सांसद श्री साहू ने कहा महोदय इस मामले में तमिलनाडु की दवाई बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी दोषी है, जिसने इस कफ सीरप को बनाया और बिना परीक्षण के लिए भेज दिया।प्रयोगशाला विश्लेषण में पता चला कि कफ सिरप के बैच में डायथीलीन ग्लाइकोल था, जो अनुमत सीमा से कई गुना अधिक था। इससे स्पष्ट होता है कि परीक्षण, विक्रय प्रक्रियाओं में और अधिक समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है। इस दवाई का बिना जांच बाजार में आना और एक ही चिकित्सक द्वारा लिखना, एक ही विक्रेता एवं एक ही वितरक द्वारा बेचना सदेहास्पद है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि इतनी खतरनाक और निम्न गुणवत्ता वाली दवाई का निर्माण, पैकेजिंग और वितरण बिना किसी पहचान के हो सका।सांसद ने तमिलनाडु सरकार को घेरासांसद श्री साहू ने कहा यह तमिलनाडु के राज्य स्तर की दवा नियंत्रण प्रणालियों में गंभीर विफलताओं, अपर्याप्त परीक्षण और निरीक्षण तथा फार्मास्यूटिकल विनियामन में समन्वय की कमी की ओर इशारा करता है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमारी दवा नियामक प्रणाली को सुदृढ़ करने और यह सुनिश्चित करने की अत्यंत आवश्यकता है। दवा के प्रत्येक बैच को बाजार में जारी करने से पहले अनिवार्य गुणवत्ता परीक्षण से गुजरना चाहिए और परीक्षण परिणामों और सामग्री की जानकारी में वास्तविक समय की पारदर्शिता सुनिश्वित की जानी चाहिए।
सांसद श्री साहू ने कहा महोदय मैं यह कहना चाहूँगा कि फार्मास्यूटिकल कंपनियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कड़े कानूनों और सख्त प्रवर्तन की आवश्यकता है। मिलावटी या विषैली दवाएं बनाने में दोषी पाए जाने वाले निर्माता को सख्त दंड और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में स्थायी प्रतिबंध की आवश्यकता है। राज्य स्तर की दवा नियामक प्राधिकरणों को एक एकीकृत राष्ट्रीय निगरानी तंत्र के अंतर्गत लाया जाना चाहिए ताकि पूरे देश में प्रवर्तन में निरंतरता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा महोदय निर्दोष बच्चों की मृत्यु केवल एक दुखद घटना नहीं है, यह पूरी नियामक प्रणाली के लिए एक चेतावनी है। यह लापरवाही, लाभार्जन और प्रणालीगत उदासीनता से सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए तात्कालिक कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करती है। इसलिए मैं सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूँ कि दवा निर्माण और परीक्षण के लिए कानूनी और नियामक ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु तत्काल और निर्णायक कदम उठाए जाएं।
सांसद बंटी विवेक साहू ने लोकसभा में किसानों को जीएसटी सरलीकरण से हुये लाभ पर रखी अपनी बात सांसद के उर्वरकों और अन्य कृषि आदानों पर लगने वाले जीएसटी के प्रश्न पर उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने दिया जवाब
छिन्दवाड़ा। सांसद बंटी विवेक साहू लोकसभा में देश के ज्वलिंत मुद्दों पर लगातार अपनी बात रख रहे है। जिसका जवाब केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा दिया जा रहा हैं। शुक्रवार को सांसद बंटी विवेक साहू ने लोकसभा में किसानों को जीएसटी सरलीकरण का पूरा लाभ दिलाने को लेकर अपनी बात रखी। सांसद ने उर्वरकों और अन्य कृषि आदानों पर लगने वाले जीएसटी को लेकर भी प्रश्न किया।
सांसद श्री साहू ने कहा कि माननीय अध्यक्ष जी में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बहुत आभार व्यक्त करना चाहता हूं। प्रधानमंत्री का संकल्प है कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है। इसी संकल्प के तहत रसायन एवं उर्वरको में जीएसटी की दर कम करने का कार्य प्रधानमंत्री द्वारा कार्य किया गया है। वहीं उर्वरकों और कच्चे माल पर लगने वाले जीएसटी को लेकर भी अपनी बात लोकसभा में रखी। उर्वरकों एवं कच्चें माल पर जीएसटी को लेकर सांसद श्री साहू द्वारा किए गए प्रश्न का उत्तर केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने दिया।
सांसद श्री साहू ने कहा कि मैं केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा से जनना चाहूंगा कि उर्वरकों एवं कच्चे माल पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू किए जाने से अमोनियम, फास्फेट, एनपीके, कॉम्पलेक्स तथा म्यूरेट ऑफ पोटाश एमओपी की उत्पादन लागत में अनुमानित कितने प्रतिशत की कमी आई है। उक्त लागत में हुई कमी में से कितना लाभ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा एवं आदिवासी जिलों के छोटे एवं सीमांत किसानों को हस्तांतरित किया जाएगा।
साथ ही सांसद बंटी विवेक साहू ने कहा कि सभापति महोदय मैं केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा से यह जानना चाहता हूं कि अनुदानित उर्वरकों की कालाबाजारी एवं अवैध प्रचलन को रोकने हेतु सरकार द्वारा कौन-कौन से ठोस उपाय किए गए हैं, ताकि हालिया जीएसटी सरलीकरण का पूरा लाभ किसानों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि जीएसटी सरलीकरण, नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी के व्यापक प्रसार के संयुक्त प्रभाव से वर्ष 2030 तक रासायनिक उर्वरकों की खपत तथा उर्वरक आयात व्यय में अनुमानित कितनी कमी आने का प्रक्षेपण है।सांसद के प्रश्न पर केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने दिया जवाबसांसद बंटी विवेक साहू द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि जैव- कीटनाशकों पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से किसानों की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी और सतत एवं पर्यावरण- अनुकूल खेती को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री के जवाब पर सांसद बंटी विवेक साहू ने पुनः पूछा कि क्या सरकार यह स्पष्ट करेगी कि इस कर-कटौती से छोटे एवं सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित करने हेतु कौन-कौन से विशेष कदम उठाए जा रहे है।
सांसद बंटी विवेक साहू द्वारा पूछे गए इस प्रश्न का उत्तर देते हुए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि उर्वरक एवं कृषि आदानों पर जीएसटी दर में कमी करने से असल उत्पादन लागत घटेगी और किसानों की आय बढ़गी। उन्होंने कहा की सूक्ष्म पोषक उर्वरकों पर जीएसटी दर कम होने से किसानों की प्रति एकड़ खेती की लागत कम हुई है। जिससे उनकों काफी वित्तीय राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी की दर कम होने से किसानों को धान में प्रति एकड़ 140 रूपये, गन्ने में प्रति एकड़ 199 रूपये, आलू में प्रति एकड़ 446 रूपये और गेंहू में प्रति एकड़ 146 रूपये की बजत होगी। केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने कहा कि ट्रैक्टरों एवं अन्य कृषि मशीनरीं पर जीएसटी दर को 12-18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से ट्रैक्टरों और अन्य कृषि मशीनरी की कीमतों में 5-13 प्रतिशत की कमी आएगी।















