सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।राज्य शिक्षा सेवा में शामिल उच्च माध्यमिक शिक्षक अपनी लंबित मांगों को लेकर अब न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर चुके हैं। लगातार तीन वर्षों से सुनवाई के इंतजार के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से कोई ठोस समाधान न निकलने पर शिक्षकों ने हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
24 वर्ष सेवा पूरी, फिर भी नहीं मिला क्रमोन्नति का लाभ इन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी वर्ग-2 के रूप में हुई थी। वर्तमान में ये उच्च माध्यमिक शिक्षक कहलाते हैं और अब तक 27 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं। इसके बावजूद तीन साल पहले 24 वर्ष की सेवा अवधि पूरी हो जाने के बाद भी इन्हें द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिला है।विशेष बात यह है कि इनके साथ नियुक्त हुए माध्यमिक शिक्षकों को यह लाभ पहले ही दिया जा चुका है। ऐसे में सीनियर पद पर कार्यरत उच्च माध्यमिक शिक्षक आज भी अपने जूनियर्स से कम वेतन पा रहे हैं, जिससे असंतोष बढ़ता जा रहा है।
संगठन बनाकर न्याय की लड़ाई शिक्षकों ने कई बार जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर एवं भोपाल मुख्यालय को रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेजकर न्याय की मांग की, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। इसके बाद राघवेंद्र वसूले, राकेश डेहरिया, कमलेश चौरासे, परेश वर्मा, सुरेखा साहू, रंजीता रघुवंशी सहित छिंदवाड़ा जिले के अधिकांश शिक्षकों ने संगठन बनाकर न्यायालय का सहारा लेने का निर्णय लिया है।
अन्य संभागों में जारी हुए आदेश, जबलपुर संभाग में रुका मामला ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम संभाग में 24 वर्ष की द्वितीय क्रमोन्नति के आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं। लेकिन जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, बालाघाट और मंडला जिलों के शिक्षकों को अभी तक इसका लाभ नहीं मिला है।दशहरा के बाद हाईकोर्ट जाएंगे शिक्षकशिक्षकों ने अंतिम बार एक सप्ताह की मोहलत देते हुए आदेश जारी करने का निवेदन किया है। आदेश जारी न होने की स्थिति में ये सभी शिक्षक दशहरा के बाद हाईकोर्ट जबलपुर में केस फाइल करेंगे और अपनी व्यथा को न्यायालय के माध्यम से सामने रखेंगे।
