Home CITY NEWS स्कूल में छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक को 6 वर्ष की सजा …

स्कूल में छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक को 6 वर्ष की सजा …

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। नाबालिक बच्चिओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी शिक्षक को 6 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3500 रू अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।न्यायालय श्रीमती तृप्ति पाण्डे विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) छिन्दवाडा द्वारा कोतवाली थाना की ओर से प्रस्तुत नाबालिग के साथ छोड़छाड़ करने के मामले में आरोपी शिक्षक अर्जुन को 6 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 3000/- रू अर्थदंड से दंण्डित किया गया।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा महिला थाना में उपस्थित होकर रिर्पोट लेख करायी कि आरोपी शिक्षक थाना कोतवाली अंतर्गत स्कूल में पदस्थ था, आरोपी शिक्षक द्वारा दिनांक 14-09-2024 को 10:30 से 04:30 बजे के बीच अपने स्कूल कक्ष के कमरे में अश्लील हरकत कर छेड़छाड़ किया तथा बुरी नियत से उसके हाथो से दोनों बच्चियों (छात्राओं) के हाथों को बैड टच करना एवं दोनों बच्चियों (छात्राओं) को मोबाईल में अश्लील वीडियो दिखाया था। उक्त शिकायत महिला थाना छिन्दवाड़ा में रिपोर्ट लेखबद्ध कराई।

अभियुक्त के विरुद्ध महिला थाना छिन्दवाड़ा में धारा 75 बीएनएस, 9 (एम) (एफ)/10 पॉक्सो एक्ट अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) छिन्दवाडा में प्रस्तुत किया गया जहां विचारण के दौरान आई साक्ष्य तथा अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष के तर्को को सुनने के उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी शिक्षक को धारा 9 (एम) (एफ) सहपठित धारा 10 पक्सो एक्ट में 6-6 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 1000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 11 (iii) सहपठित धारा 12 पाक्सो एक्ट में 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 1000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(2) (v) (a) एस.सी./एस.टी. एक्ट में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 1000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(1) (w) (i) एस.सी./एस.टी. एक्ट में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 500/- रुपये अर्थदण्ड दंडित किया गया।

माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में उल्लेखित किया गया कि अभियुक्त जो कि एक शासकीय शिक्षक है जिसका दायित्व विद्वार्थियों को सही मार्ग दिखाना है, बच्चियों को उनके परिजनो द्वारा शिक्षके के विश्वास पर शिक्षा गृहण किये जाने हेतु वि‌द्यालय भेजा जाता है यदि शिक्षको द्वारा वि‌द्यालयों में पढने वाले बालक बालिकाओं के साथ इस प्रकृति का कृत्य किया जायेगा तो ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले माता-पिता अपने बच्चों के विद्यालय में नहीं भेज पाएंगे और बच्चे शिक्षा से पृथक हो जायेंगे एवं उनका भविष्य अंधकारमय हो जायेगा।

प्रकरण की दोनो नाबालिग पीडिता को माननीय न्यायालय द्वारा प्रतिकर राशि 50-50 हजार रूपये दिये जाने की अनुशंसा के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया गया।प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार उईके द्वारा पैरवी की गयी एवं विवेचना त्रिशला मित्तल उपनिरीक्षक एवं उमेश कुमार गोल्हानी निरीक्षक थाना प्रभारी कोतवाली द्वारा की गई।

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