सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा/परासिया। क्षेत्र में नायब तहसीलदार की गुंडागिरी और अवैध वसूली के मामले लगातार सुर्खियों में हैं। आरोप है कि रेत व गिट्टी परिवहन करने वाले वाहनों को कागजात और रॉयल्टी पूरी होने के बाद भी जबरन रोका जा रहा है और कार्यवाही के नाम पर वसूली की जा रही है।बीते दिन एक गंभीर मामला सामने आया, जब बीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी का डंपर (MH40 CM 5013) छिंदवाड़ा से गिट्टी भरकर आ रहा था। कोसमी मंदिर के पास नायब तहसीलदार और उनके स्टाफ ने वाहन को रोका और जांच की। सभी दस्तावेज़ और रॉयल्टी सही पाए जाने के बावजूद ड्राइवर को मंदिर परिसर में रोककर न केवल पैसों की मांग की गई बल्कि उसकी पिटाई भी कर दी गई।

CCTV कैमरे में कैद हुई मारपीट डंपर ड्राइवर के साथ मंदिर परिसर में हुई मारपीट पास लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई। इसके बाद वाहन को जबरन सीआईएसएफ ऑफिस परिसर में खड़ा करवा दिया गया।थाने में नहीं लिखी गई शिकायत, ऑनलाइन कराया प्रकरण दर्ज कंपनी के लोग जब शिकायत दर्ज कराने परासिया थाने पहुंचे तो उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। मजबूरन उन्होंने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। ड्राइवर का आरोप है कि सभी दस्तावेज़ दिखाने के बावजूद उससे मारपीट की गई और पैसे मांगे गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

CCTV फुटेज डिलीट कराने का दबाव सूत्रों के अनुसार, जब घटना की गंभीरता का अंदाज़ा नायब तहसीलदार को हुआ तो उन्होंने मंदिर समिति पर CCTV फुटेज डिलीट कराने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।तहसील कार्यालय पर उठ रहे सवालस्थानीय लोगों का कहना है कि परासिया तहसील कार्यालय इन दिनों भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और गुंडागिरी का गढ़ बन चुका है। पटवारियों से लेकर नायब तहसीलदार तक इस खेल में शामिल होने की चर्चा है। इस संबंध में तहसीलदार ने काल रिसीव नहीं किया।