सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल/छिंदवाड़ा। बिछुआ में सड़क संधारण घोटाला को अंजाम दिया जा रहा है महाप्रबंधक ने ठेकेदार पर मेहरबानी दिखा रहे है, नियमों की खुली अवहेलना हो रही है प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा जिले के बिछुआ पैकेज MP07PT054 में संधारण कार्यों में गंभीर लापरवाही सामने आई है। 02 दिसंबर 2022 को जारी कार्य आदेश क्रमांक 2233/तक/म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा.1/2022/ के अनुसार, 66% बीटी रिन्युअल कार्य Part-3 के अंतर्गत किया जाना था। लेकिन ठेकेदार ने यह कार्य नहीं किया, फिर भी विभागीय MPRRDA सहायक प्रबंधक और महाप्रबंधक कविता पटवा की मिलीभगत से सड़कों को ‘मोटरेबल’ बताया गया, जिससे शासन को आर्थिक नुकसान हुआ।
वहीं वर्षा पूर्व संधारण अभियान के दौरान दिनांक 08 मई 2025 से 30 जून 2025 तक किसी भी प्रकार का कार्य मौके पर नहीं हुआ, फिर भी संबंधित ठेकेदार को बचाने के लिए परियोजना क्रियान्वयन इकाई के महाप्रबंधक कविता पटवा एवं सहायक प्रबंधक द्वारा सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निराकरण में सड़कों को ‘मोटरेबल’ बताकर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।

सीईओ भोपाल के स्पष्ट दिशा-निर्देशों की अवहेलना:भोपाल मुख्यालय से जारी आदेशों के अनुसार सभी सड़कों का वर्षा से पूर्व संधारण कार्य अनिवार्य रूप से किया जाना था। इसमें गड्ढा मुक्त मार्ग, पुल-पुलियों की सफाई, शोल्डर मरम्मत, स्ट्रिप पेंटिंग, सूचना बोर्ड और सुरक्षा रेलिंग जैसे कार्य शामिल थे।इसके लिए विभागीय स्तर पर समयबद्ध कार्य योजना भी निर्धारित की गई थी:08 मई से 17 मई: निरीक्षण व ठेकेदार को कार्य सूची प्रदान करना18 से 23 मई: काम न करने पर ठेकेदारों को नोटिस (SCN)04 जून से 10 जून: अनुबंध समाप्ति व बीजी नगदीकरण 20 जून तक: संधारण पूर्ण करना अनिवार्य
परिणामस्वरूप मिलीभगत की आशंका गहराई:इन सख्त निर्देशों के बावजूद बिछुआ पैकेज में ठेकेदार द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया, फिर भी जीएम स्तर से कोई अनुबंध समाप्ति, जुर्माना या BG/ FDR जब्ती की कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि सीएम हेल्पलाइन में गलत रिपोर्ट देकर मार्गों को मोटरेबल बताया गया। वहीं इस पैकेज की एक सड़क जिसका बीटी रिन्युवल का वर्क ऑर्डर दिया गया है ग्रीष्मकालीन समय में विभाग ने कार्य नहीं कराया अब जब शिकायत की जा रही है तो वर्षा ऋतु का बहाना बनाया जा रहा है 02 दिसंबर 2022 को जारी कार्य आदेश क्रमांक 2233/तक/म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा.1/2022/ के अनुसार, 66% बीटी रिन्युअल कार्य Part-3 के अंतर्गत किया जाना था। लेकिन ठेकेदार ने यह कार्य नहीं किया, फिर भी विभागीय सहायक प्रबंधक और महाप्रबंधक कविता पटवा की मिलीभगत से सड़कों को ‘मोटरेबल’ बताया गया, जिससे शासन को आर्थिक नुकसान हुआ। इस पूरी प्रक्रिया में विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार के बीच मिलीभगत के संकेत स्पष्ट हैं।

जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग:सड़कें आज भी जर्जर हैं, ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है। उच्च स्तर से संज्ञान लेकर महाप्रबंधक और सहायक प्रबंधक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग उठ रही है। ठेकेदार को टर्ननेट नहीं किया जा रहा है मेंटनेंस अनुबंध समाप्त होने वाला है। ठेकेदार को बिना कार्य के रिलीव करने की कोशिश हो रही है।
इसी तरह पैकेज क्रमांक mp07wb02 पलटवारा से तेंदुखेडा सड़क पर मेहरबानी दिखाई गई सड़कें बर्बाद हो गई हैं ।



जिलों की सड़कों की हालत देखकर लगता हैं जीएम कविता पटवा ठेकेदारों से कार्य करने में असमर्थ हैं या फिर जानबूझकर ठेकेदार से मिली भगत कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई जा रही है और आर्थिक लाभ कमाया जा रहा है। ऐसे आरोप स्थानीय निवासियों द्वारा लगाए जा रहे हैं।