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रहस्यमयी नागद्वारी यात्रा 2025: सावन में खुलता है नागलोक का द्वार, जानिए पूरी जानकारी और धार्मिक महत्व

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सतपुड़ा एक्सप्रेस पचमढ़ी (मध्य प्रदेश):सतपुड़ा की घनी वादियों और ऊंची पहाड़ियों के बीच स्थित नागद्वारी यात्रा एक रहस्यमयी और अत्यंत श्रद्धास्पद धार्मिक यात्रा है, जो सिर्फ साल में एक बार नागपंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है। यह यात्रा मध्यप्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित है।—

🚩 नागद्वारी यात्रा की विशेषताएं यात्रा अवधि: इस वर्ष नागद्वारी यात्रा 19 जुलाई 2025 से शुरू होगी, जो 10 दिन तक चलेगी।

स्थान: जलगली से 12 किमी की पहाड़ी पदयात्रा, जो कठिन और चुनौतीपूर्ण है।अनुमति: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण साल में सिर्फ एक बार इस मार्ग पर प्रवेश की अनुमति होती है।—

🐍 नागलोक तक का रहस्यमयी रास्ता श्रद्धालुओं को नागद्वार तक पहुंचने के लिए घने जंगलों, ऊंचे पहाड़ों और फिसलन भरे पगडंडियों से गुजरना पड़ता है। यह मार्ग सीधा नागलोक की ओर जाने वाला माना जाता है। यात्रा में श्रद्धालुओं का सामना कई बार जहरीले सांपों से होता है, लेकिन मान्यता है कि यह सांप भक्तों को नुकसान नहीं पहुंचाते।—

🛕 नागदेव की गुफाएं और मूर्तियां

चिंतामणि गुफा: लगभग 100 फीट लंबी गुफा, जिसमें नागदेव की मूर्तियां स्थापित हैं।

स्वर्ग द्वार: चिंतामणि गुफा से 500 मीटर दूर एक और पवित्र गुफा, जहां नागदेव की उपस्थिति मानी जाती है।

मुख्य मंदिर गुफा: 35 फीट लंबी गुफा जहां श्रद्धालु दर्शन करते हैं।—

🌿 अमरनाथ जैसी ही नागद्वारी की यात्रा। जैसे बाबा अमरनाथ यात्रा हिमालय की ऊंचाइयों से होकर गुजरती है, वैसे ही नागद्वारी यात्रा सतपुड़ा की सर्पाकार पगडंडियों से होकर पूरी होती है। दोनों ही यात्राएं भक्तों के लिए कठिन लेकिन धर्म और प्रकृति के अद्भुत संगम की अनुभूति कराती हैं।—

🙏 मान्यताएं और धार्मिक महत्व

कालसर्प दोष निवारण: नागद्वारी यात्रा को कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाने वाली यात्रा माना जाता है।

शिवलिंग पर काजल चढ़ाना: गोविंदगिरी पहाड़ी की गुफा में स्थित शिवलिंग पर काजल लगाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आस्था की परीक्षा: दो-दो पीढ़ियों से लोग यह यात्रा कर रहे हैं; यह यात्रा धैर्य, भक्ति और आत्मशक्ति की परीक्षा मानी जाती है।—

🧭 यात्रा मार्ग और तैयारी जलगली से लेकर मुख्य गुफा तक कुल 12 किमी की पैदल यात्रा।मार्ग में 01 से 18 तक के दर्शन स्थल चिन्हित हैं जिन्हें एक ही दिन में कवर किया जा सकता है।शारीरिक क्षमता और मौसम को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा पर निकलें।—

📌 :नागद्वारी यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो प्रकृति की गोद में, आस्था के साथ जुड़कर मन, शरीर और आत्मा को एक नई ऊर्जा से भर देता है। यह यात्रा उन श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत वरदान है जो आस्था की राह पर जोखिम उठाकर दिव्यता की अनुभूति करना चाहते हैं।

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