सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा// तहसील अमरवाड़ा के हल्का नंबर 47 की भूमि पर गेहूं की फसल कटाई के बाद नरवाई जलाने के मामले में सात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। पटवारी द्वारा दी गई प्रथम सूचना के अनुसार, तहसीलदार अमरवाड़ा के निर्देश पर की गई जांच में यह स्पष्ट पाया गया कि संबंधित व्यक्तियों ने कलेक्टर छिंदवाड़ा के आदेश की अवहेलना करते हुए जानबूझकर नरवाई में आग लगाई।
प्राप्त दस्तावेजों एवं स्थल पंचनामा के अनुसार, यह घटना 3 अप्रैल 2025 को घटित हुई थी। संयुक्त राजस्व एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच की गई, जिसमें शॉर्ट सर्किट या अन्य किसी प्राकृतिक कारण से आग लगने की पुष्टि नहीं हुई। इससे यह सिद्ध हुआ कि नरवाई में आग जानबूझकर लगाई गई थी।
जिन व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है, उनमें नारायण पिता रोशन लाल लोधी, मोतीलाल पिता खुर्शीराम साहू, ओमप्रकाश पिता खुर्शीराम साहू, अजय पिता बालकृष्ण साहू, दीनदयाल पिता बालकृष्ण साहू, श्याम सिंह पिता कोटू सिंह राजपूत तथा शक्ति नारायण पिता गुमान सिंह राजपूत शामिल हैं। इन सभी के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत मामला पंजीबद्ध कर पुलिस द्वारा विवेचना प्रारंभ कर दी गई है।
हरनभटा में खेत की नरवाई जलाने से किसानों को नुकसान,
नरवाई जलाने वाले व्यक्ति पर प्रकरण दर्ज
किसानों से नरवाई नहीं जलाने की अपील
छिन्दवाड़ा/09 अप्रैल 2025/ जिले के विकासखंड चौरई के ग्राम बिंझावाड़ा निवासी कृषक श्री गिरजानंद सनोडिया ने ग्राम हरनभटा में अपने खेत में हुई आगजनी की घटना को लेकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता की मां के नाम पर स्थित तीन एकड़ खेत में कृषि उपकरण, पाइप और बोरिंग की व्यवस्था रखी गई थी। 5 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 2 बजे डालचंद सनोडिया नामक व्यक्ति द्वारा अपने खेत की नरवाई में लापरवाही पूर्वक आग लगा दी गई। गर्मी के चलते आग तेजी से फैल गई और आसपास के खेतों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में शिकायतकर्ता के खेत में लगी 40 नग 2 इंची पाइप एवं लगभग 1200 फीट बोरिंग पाइप जलकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। साथ ही, पड़ोसियों के खेतों में भी आग से पाइपलाइन एवं अन्य कृषि सामग्री जलकर नष्ट हो गई।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा नरवाई जलाने पर पूर्व में ही प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी करते हुए खेत में आगजनी की गई, जिससे आसपास के किसानों को नुकसान हुआ। क्षेत्र में लगातार कृषि एवं राजस्व विभाग के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे नरवाई में आग न लगाएं। इसके बावजूद कुछ किसानों द्वारा की जा रही ऐसी लापरवाही पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि जिला प्रशासन व विकासखंड स्तर पर कृषि विभाग द्वारा सुपर सीडर मशीन अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे बिना नरवाई जलाए अगली फसल की बोनी की जा सके। चांद और चौरई क्षेत्र के लगभग 800 कृषकों ने इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल नरवाई जलाए बिना बोई है, जिससे उन्हें न केवल बेहतर उत्पादन मिला है बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित बना हुआ है। प्रशासन ने पुनः अपील की है कि किसान नरवाई न जलाएं और वैज्ञानिक कृषि विधियों को अपनाकर पर्यावरण और समाज हित में सहयोग करें।
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत बिना जुताई मूंग की बुवाई का सफल प्रदर्शन
छिन्दवाड़ा// कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण पहल की गई, जिसके अंतर्गत चांद में किसान श्री सुशील चौरसिया के खेत पर बिना जुताई और बिना पराली जलाए मूंग की बुवाई का सफल प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन में बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया जबलपुर के विशेषज्ञ डॉ.पंकज कुमार एवं श्री दीपेंद्र सिंह ने तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। भूमिजा के एफपीओ के सीईओ श्री प्रदीप कुमार चौरसिया के साथ अन्य किसान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसी तकनीकों से बुवाई करने से न केवल नरवाई जलाने और जुताई करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, बल्कि इस विधि से बुवाई करने से किसानों की लागत में कमी के साथ ही उनके उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह तकनीक मिट्टी के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है।
उन्होंने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मूंग की बुवाई करें और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाएं। यह पहल निश्चित रूप से क्षेत्र के किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगी।

ज़िले में ग्रीष्मकालीन मूंग बोनी के कुल क्षेत्र लगभग 18000 हेक्टेयर में से लगभग 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में बिना नरवाई जलाये सुपरसीडर/हैप्पी सीडर से बोनी की गई है, जिसे जिले के किसानों ने बहुत पसंद किया है। इस तकनीक से गेहूं की कटाई के साथ ही उसी दिन उसी खेत में किसान नरवाई का प्रबंधन करते हुये एक बार में ही सीधे मूंग की बोनी कर रहे है। उन्होंने बताया कि इस जीरो टिलेज तकनीक से समय की बचत, पैसे की बचत, पानी की बचत, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, पर्यावरण में सुधार और किसान अच्छी उपज प्राप्त कर रहे हैं। कलेक्टर श्री सिंह के नेतृत्व में जिले में पिछले एक वर्ष में किसानों ने उत्कृष्ट कार्य किया है, जिससे जिले में नरवाई जलाने की घटनायें अत्यंत कम हुई है।