सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।अपर सत्र न्यायालय जुन्नारदेव के द्वारा थाना तामिया के अपराध क्रमांक 156/2023 व विशेष प्रकरण क्रमांक 08/2024 के आरोपी रोहित उईके पिता रामप्रसाद उईके उम्र करीब 20 वर्ष को धारा 5(L)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल) तथा 5000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 363 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदण्ड एवं 366 (ए) भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
मध्यप्रदेश शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/सहा० जिला अभियोजन अधिकारी गंगावती इहेरिया ने प्रकरण में पैरवी की।घटता का संक्षिप्त विवरण घटना इस प्रकार है कि पीड़िता पिला द्वारा दिनांक 20/07/2023 को थाना तामिया में इस आशय की सूचना दी कि उसकी पुत्री की जन्मतिवि 26/03/2008 होकर उसकी आयु15 वर्ष 03 माह की है। दिनांक 11/07/2023 को पीड़िता करीब 10:00 बजे पीडिता अमरवाडा आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए गई थी। यह और उसकी पत्नी दोनी खेत पर काम करने गए थे। शाम को वापस घर आए तो पीड़िता घर में नहीं थी। उसकी मोहल्ले पडोस में किए पर यह नहीं मिली कोई व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर आपने साथ ले गया है।
उक्त आधार पर थाना लामिया द्वारा पीडिता की गुमशुदगी पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया था। विवेचना के दौरान पौडिता के दस्तयाब होने पर पीडिता द्वारा बताया गया कि यह घटना दिनाक को अपना आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए अमरवाड़ा गई थी जहां पर उसे आरोपी रोहित उईके मिला और उसे कहने लगा कि मैं तुमसे शादी करूगा और जबरदस्ती बहला फुसला अपने साथ नागपुर ले गया और एक झोपडा बनाकर अपने साथ मुझे जबरदस्ती 05 महिने तक रखा और जबरदस्ती मेरे साथ गलत काम करता रहा और मैं बोलती थी घर में बताउंगी तो मुझे जान से मारने की धमकी देता था। तब पुलिस द्वारा अभियुक्त रोहित के विरुध्द अपराध क्रमांक 156/2023 अंतर्गत धारा 363,366 (0),376(2) (एन),376(3),506 भादवि एवधारा 5(एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत् प्रथम सूचना रिपोर्ट पजीवच्द कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया प्रकरण में विवेचना उति पूनम उईके एवं निरीक्षक विजय सिंह ठाकुर थाना तामिया के द्वारा की गई।विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं तकों से सहमत होकर माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जुन्नारदेव द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दंडित किया गया एवं पीड़िता को 2 लाख रूपये प्रतिकर देने के लिये विधिक सहायता प्राधिकरण को आदेशित किया गया ।