एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी, प्रशासन से न्याय की गुहार सतपुड़ा एक्सप्रेस बरघाट (सिवनी)। वार्ड नं. 11 में स्थित नीलामी में खरीदी गई जमीन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शिकायतकर्ता रोहित टेंमरे ने थाना प्रभारी बरघाट को लिखित आवेदन देकर आरोप लगाया है कि उनकी वैध रूप से खरीदी गई जमीन पर लता वरकड़े और संतोष उइके जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्हें एससी-एसटी एक्ट में फंसाने और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां भी दी जा रही हैं।नीलामी में खरीदी थी भूमि, कानूनी प्रक्रिया पूरीआवेदक रोहित टेंमरे के अनुसार, उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक, शाखा बरघाट से नीलामी में 32.51 लाख रुपये में भूमि (खसरा नंबर 309/4/2, 309/4/4) खरीदी थी। इस संपत्ति को पहले बैंक ने कर्ज न चुकाने के कारण जब्त कर लिया था और कानूनी रूप से नीलाम कर दिया था। इसके बाद, 15 जनवरी 2025 को उप पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत बैनामा निष्पादित किया गया, जिससे जमीन के स्वामित्व का पूरा अधिकार उन्हें प्राप्त हो गया।
अवैध कब्जे का प्रयास, जबरन निर्माण कार्य जारी
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि अनावेदकगणों ने इस भूमि पर जबरन निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की गई। उनका कहना है कि यह पूरी तरह गैर-कानूनी है, क्योंकि नीलामी की प्रक्रिया के तहत उन्होंने वैध रूप से इस जमीन का अधिग्रहण किया है और नामांतरण की प्रक्रिया भी तहसीलदार कार्यालय में जारी है (प्रकरण संख्या 3496/1-6/24-25)।एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी, राजनीतिक पहुंच का दावाआवेदक ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया कि जब उन्होंने अनावेदकगणों को निर्माण कार्य से रोका, तो उन्होंने कहा कि “अगर ज्यादा विरोध किया, तो एससी-एसटी एक्ट में फंसा देंगे, जिससे सीधे जेल जाना पड़ेगा।” इसके अलावा, उन्होंने अपनी राजनीतिक पहुंच और आर्थिक ताकत का हवाला देते हुए कहा कि वह किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच निकलेंगे।
कानूनी प्रावधान और पुलिस की जिम्मेदारी
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति वैध रूप से खरीदी गई संपत्ति पर कब्जा कर चुका है, तो उस पर अवैध निर्माण कार्य करना धारा 441 (अवैध घुसपैठ) और धारा 447 (आपराधिक अतिचार) के तहत दंडनीय अपराध है। इसके अलावा, अगर किसी को झूठे केस में फंसाने या धमकी देने की कोशिश की जाती है, तो यह आईपीसी की धारा 503 (आपराधिक धमकी) और धारा 506 (आपराधिक भय कारित करना) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।पीड़ित ने पुलिस से न्याय की मांग कीआवेदक ने थाना प्रभारी से अनुरोध किया है कि अवैध रूप से हो रहे निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए और उन्हें जान से मारने की धमकी देने वालों के खिलाफ विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाए।अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या पीड़ित को न्याय मिल पाता है या नहीं।