छिंदवाड़ा में आदिवासियों की बेस कीमती जमीन कोढ़ीयो के दाम ले रहे भू माफिया
पार्ट 2
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा ।जिला कलेक्टर कार्यालय में दलाल का बोलबाला चल रहा है भू माफिया से साठ गाठ कर कई एकड़ से अधिक की भूमि आदिवासी से गैर आदिवासी को विक्रय करने की अनुमति दे दी गई बोल चाल की भाषा में कन्वर्ट कर दी गई है सूत्रों की माने तो 10-20 लाख रुपए एकड़ में कन्वर्ट कराई गई है वहीं दूसरी ओर जिन आवेदकों के साथ दलाल नहीं होते उन प्रकरणों को या तो खारिज कर दिया जाता है या ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है ।
सतपुड़ा एक्सप्रेस की खोजबीन में एक अनोखी बात सामने आई है विगत कुछ वर्षों पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने एसडीएम और तहसीलदार की अनापत्ति के बवजूद आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी व्यक्ति को बेचने की अनुमति दे दी गई है अभी प्रकाश में आए दो प्रकरणों में आवेदक आसाराम यूईके पोआमा खसरा नंबर 53/3 और एक अन्य प्रकरण में आवेदक लीमा ताराम कबाड़ियों खसरा नंबर 147 है उक्त दोनों ही प्रकरणों में एसडीएम और तहसीलदार ने अपनी आ सहमति प्रदान की थी परन्तु भू माफिया से साठ गाठ ने अनुमति प्राप्त कर जमीन अपने नाम कर ली।
सरकार आदिवासी के हितों की बात कर रही है जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री जन मन अभियान चलाया जा रहा है वहां पर आदिवासी को हितों को मार कर उन्हें भूमिहीन कर रहा है।वैसे तो आदिवासी कन्वर्ट करने हेतु काफी लंबा समय लगता है लेकिन आपके पास दलाल है तो तहसीलदार ,आर आई, एसडीएम का रातो रात प्रतिवेदन प्राप्त कर अनुमति देकर 1 महीने के अंदर जमीन कन्वर्ट हो रही है आदिवासी को उक्त जमीन क्यों बेचनी है क्या अति आवश्यकता है उसे कौन सी बीमारी है या पारिवारिक क्या परेशानी है ऐसा कुछ भी ध्यान में ना रखते हुए भू माफिया के मनमाफिक एक महीने के अंदर जमीन कन्वर्ट हो रही है।
शीघ्र पढ़िए किस भू माफिया ने अपने कर्मचारी के नाम कराई कन्वर्ट हुई जमीन की रजिस्ट्री
आनन्द सूर्यवंशी की रिपोर्ट …
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