सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। जिले के परासिया क्षेत्र में पिछले 6 से 7 दिनों से बंदरों के आतंक ने स्थानीय निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बंदरों द्वारा 10 से 12 लोगों को काटे जाने की घटनाओं के बाद, इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था। इससे बचने के लिए लोग अपने बच्चों को विशेष रूप से संभाल रहे थे, क्योंकि बंदर घरों में भी घुसकर नुकसान पहुंचा रहे थे और लोगों को चोटिल कर रहे थे।
सूचना मिलने के बाद, फॉरेस्ट टीम और पेज टाइगर के डॉक्टर्स ने मिलकर बंदरों का रेस्क्यू किया। टीम ने उत्पाद मचाने वाले बंदरों को पकड़ने में सफल रही और उन्हें जंगलों में छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अनुसार, इन बंदरों के आक्रामक व्यवहार की वजह से क्षेत्र के लोग परेशान थे पकड़े जाने पर लोग राहत की सांस ले रहे हैं। बताया गया है कि एक बंदर पागल हो गया था और राहगीरों पर हमला कर रहा था, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई थी।इस घटना के माध्यम से यह स्पष्ट हो जाता है कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण और जंगलों में घटते पेड़ों की वजह से जंगली जानवरों को नए आवास की तलाश में शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा है। यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।