Home CITY NEWS छिंदवाड़ा नगर निगम चला इंदौर ननि की राह पर…..पार्ट 2

छिंदवाड़ा नगर निगम चला इंदौर ननि की राह पर…..पार्ट 2

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रसूखदारों ने छीना गरीबों का हक

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। जिस तरह इंदौर नगर निगम में घोटाले की परतें खुल रही हैं उसी तर्ज पर छिंदवाड़ा नगर निगम में भी घोटाले कोअंजाम दिया गया है छिंदवाड़ा नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना मै जमकर लापरवाही बरती गई । वर्ष 2015 में प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री आवास योजना में छिंदवाड़ा में 1131 ई.डब्ल्यू.एस, 264 एल.आई.जी. 144 एम.आई.जी. भवनों का निर्माण प्रस्तावित किया गया।

आनन फानन में काम शुरू किया गया। साथ ही आवास बुक करने और बेचने के लिए जमकर प्रचार प्रसार किया गया परंतु आवंटन में सैकड़ो अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया।

क्या है नियम /प्रधानमंत्री आवास योजना में आवंटन हेतु लाभार्थी की परिभाषा अनुसार लाभार्थी परिवार के पास या तो उसके नाम से अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम से भारत के किसी भी भाग में पक्का मकान नहीं होना चाहिए, साथ ही निम्न आय वर्ग हेतु रू0 03-06 लाख एवं एमआईजी हेतु 12.60 लाख रू० प्रतिवर्ष आय होनी चाहिए (मिशन के उद्देश्य)। कंडिका क्र 6.5 अनुसार चयनित लाभार्थी एचएफएपीओए का हिस्सा होना चाहिए। इस निर्धारित प्रकियों के तहत् पर्याप्त प्रचार/प्रसार के पश्चात् पहले आओ, पहले पाओ की नीति निर्धारित थी। जिसमें पूर्व निर्धारित दर को दर्शाते हुए निगम द्वारा समय समय पर समाचार पत्रों के माध्यम से रिक्त भवनो के आवंटन हेतु सूचना प्रकाशित की गई।

छिंदवाड़ा में जिसके आधार पर हितग्राहियों द्वारा निगम में बुकिंग राशि जमा कर आवास बुक किये गये, जिसकी सूची से स्पष्ट है कि एक-एक व्यक्ति/परिवार ने दो-दो-तीन- तीन मकान/प्लाट बुक करा दिये है। इनमें अधिकांश नेता, अधिकारी और बड़े व्यापारी हैं कुछ तो निगम अधिकारी भी है ईससे योजना में अधिकतम लाभार्थीयों को लाभ नहीं मिल पाया है एवं योजना का मूल उद्देश्य नगर निगम द्वारा पूर्ण नहीं किया गया है। आवंटन के पूरे मामले में तत्कालीन निगम अधिकारियों सहित पूरी परिषद जिम्मेदार है जिन्होंने चल रही गड़बड़ी को अनदेखा किया।

अगर आवंटन की जांच की जाय तो एक से अधिक मकान/प्लाट लेने वालो के मकान/प्लाट की बुकिंग निरस्त किये जाने की कार्यवाही हो सकती है। साथ ही भारत वर्ष में कोई मकान न होने संबंधी जांच भी की जानी चाहिए।

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