बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया जबलपुर
छिंदवाड़ा जिले के कृषि अधिकारियों ने बोरलॉग इंस्टीट्यूट फार साउथ
एशिया जबलपुर का भ्रमण कर नई तकनीकी का किया अवलोकन
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा/ अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त सह संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भोपाल द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में संयुक्त संचालक कृषि जबलपुर श्री के.एस.नेताम, उप संचालक कृषि छिंदवाड़ा श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, उद्यानिकी महाविद्यालय छिंदवाड़ा के अधिष्ठाता डॉ.विजय पराड़कर, कृषि विभाग के अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री नीलकंठ पटवारी व सहायक संचालक कृषि श्री धीरज ठाकुर द्वारा आज बोरलॉग इंस्टीट्यूट फार साउथ एशिया (BISA) जबलपुर का भ्रमण किया गया। इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ.रवि गोपाल सिंह ने अनुसंधान केंद्र में चल रहे विभिन्न अनुसंधान और एक्सटेंशन की गतिविधियों से अवगत कराया। अनुसंधान केंद्र में प्रमुख रूप से जीरो टिलेज के अनुसंधानों एवं उनसे आ रहे परिणाम के बारे में अवगत कराया गया।
उप संचालक कृषि छिंदवाड़ा श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में धान, मक्का एवं गेहूं के बाद पराली जलाने की बहुत बड़ी समस्या है, जिससे प्रदूषण फैलता है और जमीन में कार्बनिक पदार्थ भी नष्ट हो रहा है। अनुसंधान केंद्र में बिना किसी परली जलाये कटाई के तुरंत बाद हैप्पी सीडर से बोनी एवं स्ट्रा रीपर यंत्रों के बारे में बताया गया। फसल कटाई के बाद बिना जुताई किये सीधे बोनी की जाती है। इसमें किसान द्वारा की जाने वाली जुताई में लगने वाली लागत को कम की जाकर सीधे बोनी की जा सकती है। इसमें उत्पादन में किसी प्रकार की कमी नहीं आती और किसान की लागत भी कम होती है एवं क्लाइमेट चेंज को रोका जा सकता है।
अनुसंधान केंद्र में क्लाइमेट रेसिलियंस को ध्यान में रखते हुए सैकड़ों अनुसंधान आयोजित किये गये हैं जिसमें नाइट्रोजन उर्वरक की एफिशिएंसी बढ़ाना, नमी को संरक्षित करना, कार्बनिक पदार्थ को बनाये रखना, उत्पादन को सस्टेनेबल बनाये रखना एवं मौसम के विपरीत प्रभाव को सहन करने वाली किस्मों पर ट्रायल किया जा रहा है। संस्थान में किसानों को तकनीकी से अवगत कराने के साथ ही अनुसंधान केंद्र में गेहूं के ब्रीडर सीड का बड़े स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है जिसे बीज उत्पादक समितियों एवं बीज उत्पादन कंपनी के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है तथा विभिन्न प्रकार की क्रपिंग सिस्टम पर हो रहे अनुसंधान से अवगत कराया गया। अनुसंधान केंद्र में हो रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी के लिए फार्म के मैनेजर श्री विवेक चौबे और कंसलटेंट श्री विवेक कुमार सिंह ने भी फार्म की गतिविधियों से अवगत कराया।
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