लाडली बहना योजना का लाभ भी प्राप्त नहीं हो रहा है
प्रधानमंत्री आवास योजना एवं शौचालय योजना का लाभ अब तक नहीं दिलाया गया
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा:जिला कलेक्टर छिन्दवाडा (म.प्र.) :- मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया जाति के परिवारों को लाड़ली बहना योजना आहार अनुदान, प्रधानमंत्री आवास योजना शौचालय शमशान भूमि एवं शासकीय भूमि का पट्टा आदि का लाभ दिलाये जाने हेतु भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,राज्यपाल व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के नाम ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए अपनी समस्याों से अवगत कराया
१.यह कि छिन्दवाडा जिले की विशेष पिछडी जनजाति भारिया महिला मुखिया को सन् 2017 से 1000/- (एक हजार रुपये) आहार अनुदान के रूप में उनके बच्चों का कुपोषण मिटाने को दृष्टिगत रखने बच्चों का फल एवं पौष्टिक आहार खिलाने जिले की लगभग 10000 भारिया महिला दिया जा रहा था। किन्तु आपके द्वारा लाडली बहना योजना के अन्तर्गत प्रत्येक महिला को 1000/- रूपये प्रतिमाह देने की योजना के चलते मात्र 3612 भारिया महिला मुखिया को आहार अनुदान की राशि 1000/- रूपये की दर से प्रदाय की गयी है। शेष लगभग 6500 भारिया महिला मुखिया को आहार अनुदान की राशि से वंचित किया गया है। जिन्हें लाडली बहना योजना का लाभ भी प्राप्त नहीं हो रहा है। मात्र 6500 भारिया महिला मुखिया के खाते में आहार अनुदान की राशि डाली गयी है।
२. यह कि भारिया महिला मुखिया को विशेष प्रावधान के तहत उनके बच्चों का कुपोषण से बचाने के लिये भारिया महिला मुखिया को 1000 रूपये आहार अनुदान की राशि दी जा रही है माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी से आग्रह है कि क्या हम सब भारिया महिला मुखिया आपकी लाडली बहना नहीं है जो हमें आपके द्वारा लाडली बहना ना मानकर लाडली बहना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। आहार अनुदान तो विशेष पिछडी जनजाति का विशेष पैकेज है जो विशेष पिछडी जनजाति के कुपोषित बच्चों का कुपोषण मिटाने के लिये दी जा रही है। लेकिन हमें लाडली बहना योजना के अन्तर्गत लाडली बहना योजना की राशि क्यों नहीं दी जा रही है। क्या हम लाडली बहना के अन्तर्गत नहीं आते हैं। अतः हमें आहार अदान राशि 1000/- रूपये एवं लाडली बहन योजना की राशि 1000/- रूपये सहित दोनों योजनाओं का लाभ भारिया समाज की महिलाओं की प्रदान किया जायें।
३.यह कि जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा विभाग के कर्मचारियोंको भारिया समाज की महिलाओं का ई. के.वाई.सी कराने के लिये नियुक्त किया गया था, जिन्होंने गंभीरतापूर्वक जिम्मेदारी का निर्वाहन ना करते हुये लापरवाही पूर्वक कार्य किया है जिसके फलस्वरूप छिन्दवाड़ा जिले की 6500 भारिया दुखिया को आहार अनुदान की राशि 1000 / -रुपये प्रतिमाह वंचित होना पड़ा है साथ ही पंचायत स्तर पर सचिवों का हीन भावना से ग्रसित होनेके कारण गैर जिम्मेदारना कार्य के चलते भारिया महिला मुखिया का ई.के.वाय.सी. एवं डी.बी.डी.के अन्तर्गत जिम्मेदारी से कार्य नहीं किया गया है। अगर महिलाएं पढ़ी लिखी और ज्ञानवान होतीतो सचिव और जनजातीय विभाग के कर्मचारी की आवश्यकता नहीं पड़ती। चूंकि महिला निरक्षरऔर अज्ञान है प्रत्येक भारिया निवासित ग्रामों में शिविर लगाकर ई.के. वाय. सी. एवं डी.बी.डी. कराने की कृपा करेंगे। ताकि आहार अनुदान एवं लाडली बहना योजना से हम भारिया महिलाएं वचित न रहे।
४.यह कि म.प्र. के छिन्दवाड़ा जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति भारियाओं के साथ सरपंच सचिव द्वारा दुव्र्व्यव्हार किया जा रहा है जिसके कारण प्रधानमंत्री आवास योजना एवं शौचालय योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। सचिव सरपंच ने अपने रिश्तेदारों एव ताकतवरों लोगों को ही प्रधानमंत्री आवास योजना एवं शौचालय योजना का लाभ अब तक दिलाया है। जबकि भारिया समाज के परिवार गरीब एवं भूमिहीन है जो टूटे फूटे खपरेल एवं घास फूस के झोपड़ों में निवास करते है। जिनकी हैसियत इतनी ना है कि स्वयं के व्यय से पक्का मकान और शौचालय बना सकें। शासन से निवेदन है कि छिन्दवाड़ा जिले के समस्त मारिया परिवारों को विशेष योजना के तहत पक्के आवास और शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जायें।
५. यह कि छिन्दवाडा जिले के चौरई विकास ण्ड के अन्तर्गत ग्राम बिलंदा ग्राम पंचायत सलखनी में भारिया जनजाति के लगभग 20 परिवार निवास करते है तथा गरीब और भूमिहीन है। जो पटेलों के यहाँ बनी मजदूरी करके अपने बिलाते हैं यहाँ किसी एक भी भारिया परिवार का प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत भवन बनाकर नहीं दिया गया है ना ही किसी भारिया परिवार को शौचालय की सुविधा प्रदान की गयी है। यहाँ की महिलाएं खुले मैदान में शौच करने जाती है। जिन्हें यहाँ के पटेलों से अपमानित एवं ईज्जत होना पड़ता है। इन्हें खुले शौच करते देखकर यहाँ के लोग इन्हें ललकार लगाते है। शवदाह करने के लिये शमशान भूमि भी नहीं है शवदाह रास्ता किनारे किया जाता है। यहाँ की शासकीय जमीन जो गरीब आदिवासी के उपयोग के लिये होनी चाहिये जिन पर पटेलों जमींदारों ने अवैध कब्जा कर स्वयं अपना उपयोग कर रहे है।
६.यह कि छिन्दवाड़ा जिले के भारिया विशेष पिछड़ी जनजाति निवासरत भारिया परिवारों के ग्रामों की समस्या लगभग एक जैसी है यहाँ पर पटेलों ने और किसानों ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर अपने अधीन कर रखा है। अभियान चलाकर शासकीय जमीन को मुक्त कराकर उक्त ग्राम में निवासरत गरीब भूमिहीन परिवारों के उपयोग के लिये प्रदान की जायें। जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति की क्रमांक 1 से 6 तक की समस्या का निदान करने हेतु ज्ञापन प्रस्तुत किया।