पिता/पालक की वार्षिक आय रूपयें 6 लाख से 8 लाख रूपए की गई
सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल:बीपीएल कार्डधारी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी जिनके पिता /पालक की आय 8लाख तक हो, को मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ मिल सकेगा। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में संशोधन आदेश जारी किया गया है।
आदेशानुसार ऐसे विद्यार्थी जिनके पिता पालक की आय 8, लाख रुपये से कम हों वे योजना के लिए पात्र होंगे, परंतु ऐसे विद्यार्थी जिनके पिता /पालक की वार्षिक आय 8 लाख तक है तथा वह बीपीएल कार्डधारी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी है तथा कंडिका क्रमांक 3.1,3.2,3.3,3.4 एवं 3.5 में उल्लेखित शर्तों के कारण योजना में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हों, को विशेष प्रकरण मानते हुए इनके संबंध में विभागीय समन्वय में सक्षम अधिकारी के अनुमोदन प्राप्त कर उन्हें योजना में सम्मलित कर सकेंगे।
ऐसे विद्यार्थियों को जिन्हें योजना में एक बार लाभ प्राप्त हो जाने के बाद यथा निर्दिष्ट शर्तों के अधीन आय की सीमा 8, लाख रुपये से अधिक होने पर भी पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक योजना के लाभ की पात्रता होगी यह संशोधन शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू होगी।
पहले मेधावी विद्यार्थी योजना हेतु क्या पात्रता थी
इस योजना के अंतर्गत जिन विद्यार्थियों ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हों अथवा सीबीएसई/आईसीएसई द्वारा आयोजित 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हों एवं मध्ययप्रदेश के निवासी होने के साथ-साथ उनके पिता/पालक की वार्षिक आय रूपयें 6 लाख से कम हो, ऐसे विद्यार्थियों को निम्नांकित स्नातक स्तर की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के अंतर्गत शिक्षण शुल्क राज्य् शासन द्वारा वहन किया जायेगा। योजना के अंतर्गत स्नातक स्तर हेतु व्यय शुल्क के रूप में, प्रवेश शुल्क एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क एवं कॉशन मनी को छोड्कर) जो शुल्क विनियामक समिति अथवा म0प्र0 निजी विश्वीविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया हैं, का ही भुगतान किया जायेगा।
- इंजीनियरिंग हेतु जेईई मेंन्स (JEE MAINS) परीक्षा में रैंक 1,50,000 (एक लाख पचास हजार) के अंतर्गत होने की स्थिति में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर पूरी फीस एवं अनुदान प्राप्त/अशासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर 1.50 लाख अथवा वास्तविक शिक्षण शुल्क में जो भी कम हो।
- मेडिकल की पढाई हेतु नीट (NEET) प्रवेश परीक्षा के माध्यम से केन्द्र या राज्य शासन के मेडिकल/डेंटल महाविद्यालय के एमबीबीएस/बीडीएस पाठ्यक्रम अथवा मध्य्प्रदेश में स्थित प्राईवेट मेडिकल के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया हो। भारत सरकार के संस्थानों जिनमें स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त होता है, के अभ्यर्थियों को भी पात्रता होगी।
- विधि की पढाई हेतु कॉमन लॉ एडमिशन टेस्टर (CLAT) अथवा स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्ट्रींय विधि विश्वविद्यालयों एवं दिल्ली विश्वतविद्यालय में प्रवेश प्राप्त किया हो।
- भारत सरकार के समस्त विश्वविद्यालयों/संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं इंट्रीग्रेटेड पोस्टम ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्रीकोर्स (जिसमें मास्टर डिग्री के साथ बैचलर डिग्री भी सम्मिलित हैं) के पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने पर।
- राज्य शासन के समस्त शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में संचालित समस्त पाठ्यक्रमों एवं पॉलीटेकनिक महाविद्यालय के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों (जिनमें प्रवेश 12वीं परीक्षा के आधार पर प्राप्त होता हैं) में प्रवेश प्राप्त करने पर।