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गायत्री परिवार की पहल : 8 साल तक बच्चों के लिए मां की संस्कारशाला शुरू

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अब लोरी की जगह प्रेरक कहानियां मां रात को सोने से पहले बच्चों को सुनाएगी

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।गुरुणामेव सर्वेषां माता गुरुतरा समृता- अथर्ववेद के इस वेद वाक्य मैं सब गुरु में माता को सर्वश्रेष्ठ गुरु माना गया है। इस वेद वाक्य से बच्चे आज्ञापालन के गुण को सीखेंगे और बच्चों को ऐसे ही वेद वाक्य सीखेंगी मां। इससे पहले 1 से 8 साल तक के बच्चों की इन माताओं को संस्कारशाला में इन वाक्यों को पढ़ाया जाएगा। उन्हें यह मौका दे रहा है गायत्री परिवार | गायत्री परिवार की सह संस्थापिका भगवती देवी शर्मा और वैज्ञानिक अध्यात्मवाद का प्रतिपादन कर रही अखंड ज्योति के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मां की संस्कारशाला अभियान शुरू किया है। यह साप्ताहिक कार्यक्रम उन माताओं के लिए है, जो अपने 1 से 8 वर्ष के बच्चों को सुसंस्कारी बनाना चाहती हैं। इसके लिए गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार ओर से एक पाठ्यक्रम निश्चित किया है।

गुरुणामेव सर्वेषां माता गुरुतरा समृता

  • अथर्ववेद

अर्थात : सब गुरु में माता को सर्वश्रेष्ठ गुरु माना गया है। ब्राभ्यः कृणुतु प्रियम् अर्थात : बुजुगों से शिष्टाचार बरतो। भावार्थ यह है कि जो बड़ों का मान नहीं करते, वे उन्नति नहीं करते।

यह होगा पाठ्यक्रम : मनोवैज्ञानिक एवं व्यावहारिक समाधान के सूत्र बताए जाएंगे

कार्यक्रम के अंतर्गत एक वर्ष के लिए 365 कहानियां और ब्रह्मभ्यः कृणुतु प्रियम् अर्थात बुजुर्गों से शिष्टाचार बरतो भावार्थ यह है कि जो बड़ों का मान नहीं करते वे उन्नति नहीं करते जैसे 365 वैदिक सद्-वाक्यों के साथ 1 वर्ष के 52 सप्ताह के लिए 52 मानवीय मूल्यों तथा हर सप्ताह बालकों के लालन-पालन में आने वाली समस्याओं के मनोवैज्ञानिक एवं व्यावहारिक समाधान के सूत्र बताए जाएंगे। यह कार्यक्रम हर सप्ताह शनिवार को पूरे देश में एक साथ एक ही समय होगा। ऑफलाइन के साथ यह कार्यशाला ऑनलाइनभी होगी। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप में महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। गायत्री परिवार छिंदवाड़ा के जिला मीडिया प्रभारी अरुण पराड़कर ने बताया कि माताएं प्रतिदिन रात को सोने से पूर्व एक कहानी बच्चे को सुनाएंगी। प्रति सप्ताह एक मानवीय मूल्य का अभ्यास कराया जाएगा। अभ्यास के लिए उन्हें आवश्यक सुझाव भी दिए जा रहे हैं। माताएं स्वविवेक एवं अपने अनुभव से इस कार्यक्रम में विषयवस्तु जोड़ या घटा सकती हैं। मां अपने जीवन में घटित प्रसंग जो प्रस्तुत मूल्य से जुड़ा हो तो वह भी बच्चों से साझा कर सकती हैं।

निशुल्क कार्यक्रम में सबका स्वागत
मां पहले कार्यक्रम को समझें और अपने व बच्चे के व्यवहार में उतारने का प्रयास करें। कोई भी महिला इस कार्यक्रम से जुड़ सकती है, यह पूरी तरह निशुल्क है। इसकी सामग्री व्हाट्सएप ग्रुप से प्राप्त की जा सकती है। व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए मां की संस्कार शाला लिखकर 9258360962 पर व्हाट्सएप करे।

कंपीटिसन एग्जाम की तैयारी अब आपके शहर छिंदवाड़ा में वीडियो में देखिए पूरी जानकारी…..

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