भारतीय बाजार में आयातित स्टॉक आने तक सरकार राष्ट्रीय सुरक्षित भंडार से अरहर (तुअर) जारी करेगी, अरहर दाल का वितरण पात्र मिल मालिकों के बीच ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से किया जाएगा
सरकार ने यह कदम उपभोक्ताओं को अरहर दाल की किफायती दामों पर उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया है
सतपुड़ा एक्सप्रेस दिल्लीः सरकार ने भारतीय बाजार में आयातित स्टॉक आने तक अरहर दाल को राष्ट्रीय सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) से एक मूल्यांकित और लक्षित तरीके से जारी करने का निर्णय लिया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामले विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को उपभोक्ताओं के लिए अरहर की मिलिंग हेतु उपलब्ध स्टॉक बढ़ाने के उद्देश्य से पात्र मिल मालिकों के बीच ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से अरहर का वितरण करने का निर्देश दिया है।
उपभोक्ताओं को किफायती दामों पर अरहर दाल की उपलब्धता की स्थिति पर इस वितरण के पड़ने वाले प्रभाव के मूल्यांकन के आधार पर नीलामी की जाने वाली दाल की मात्रा और उसकी आवृत्ति का निर्धारण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2 जून, 2023 को जमाखोरी और गैर-कानूनी सट्टेबाजी रोकने और उपभोक्ताओं का सामर्थ्य बेहतर बनाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करके अरहर और उड़द की भंडारण सीमा लागू की थी। इस आदेश के तहत, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द की स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है।
हर प्रकार की दालों के लिए व्यक्तिगत रूप से दालों की भंडारण सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 मीट्रिक टन और डिपो पर 200 मीट्रिक टन तथा मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत जो भी अधिक हो, वहीं भंडारण सीमा लागू की गई है। इस आदेश में इन संस्थाओं के लिए विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टॉक स्थिति की घोषणा करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
भंडारण सीमा आदेश को लागू करने और पोर्टल पर स्टॉक का खुलासा करने की स्थिति की उपभोक्ता मामले विभाग और राज्य सरकारों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। इस संबंध में, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (एसडब्ल्यूसी) के गोदामों में विभिन्न संस्थाओं द्वारा रखे गए स्टॉक, बाजार के दिग्गजों द्वारा बैंकों के पास गिरवी रखे गए स्टॉक आदि के आंकड़ों और स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल पर घोषित मात्रा की परस्पर जांच की गई है।
राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में दाल की कीमतों पर लगातार निगरानी रख रही हैं और भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए भंडार करने वाली संस्थाओं की भंडारण स्थिति का निरंतर सत्यापन भी कर रही हैं।