सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। शिक्षक दिवस का जश्न इस बार छिंदवाड़ा में बेहद खास और यादगार रहा। भारतीय विद्या मंदिर के पूर्व विद्यार्थियों ने अपने गुरुओं के सम्मान में एक अनोखा आयोजन किया, जिसमें दृश्य बिल्कुल पुराने समय की कक्षा जैसा दिखाई दिया। फर्क बस इतना था कि इस कक्षा के विद्यार्थी 50 वर्ष के थे और शिक्षा देने वाले शिक्षक 75 से 80 वर्ष की उम्र के।करीब 40 पूर्व विद्यार्थी, जो आज अपने-अपने क्षेत्रों में व्यस्त जीवन बिता रहे हैं और देश के अलग-अलग शहरों में रहते हैं, छिंदवाड़ा पहुंचे। उन्होंने अपने गुरुजनों और प्राचार्य को सम्मानित करते हुए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर शिक्षक दिवस मनाया।शिक्षकों ने साझा किए अनुभव, शिष्यों ने सुनाए किस्सेइस दौरान आदरणीय प्राचार्य श्री टी.एन. मिश्रा सर तथा शिक्षक श्री चौधरी सर, श्री बारस्कर सर, श्री यादव सर, श्री राणा सर, श्रीमती गुप्ता मैडम और श्रीमती रोड मैडम मौजूद रहे।
शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए तो वहीं विद्यार्थियों ने भी स्कूल के पुराने दिनों के किस्से सुनाकर सभी को भावुक कर दिया।कार्यक्रम में शिक्षकों के चेहरों पर गर्व और संतोष साफ झलक रहा था। वहीं 50 साल के हुए शिष्यों के अंदर अपने गुरुओं के प्रति सम्मान और उत्साह स्पष्ट दिखाई दिया। यह आयोजन सभी के लिए यादगार पलों में बदल गया।आयोजन में रहा सभी का विशेष योगदान इस शानदार और ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में अनिल मिगलानी, प्रवीण सोनी, संजीव पांडे, नवनीत व्यास, राघवेंद्र वसूले, रजनीश गोलानी, महेश पटेल, डॉ. योगेश पाल, किशोर लिखार, अनिल चौधरी, संदीप सोनी, प्रमोद बाघ, ब्रजकुमार ठाकुर, विजय सतीजा, प्रदीप उपासे, नवीन चौधरी, सचिन तालेवार, नवनीत साहू, राकेश जैन, संजय रघुवंशी, श्याम पांडे, पंकज शाह, संजय शाह, सुभाष सूर्यवंशी, मनीष सूर्यवंशी, रजनीश झुनझुनवाला, राजेश मेहता, टोपले, अजय पाठक, देवेंद्र बौंडे, मनोज शाह और बृजेंद्र तोमर सहित कई लोगों का सहयोग रहा।

यह अनोखा शिक्षक दिवस समारोह साबित करता है कि समय चाहे कितना भी बदल जाए, लेकिन गुरु और शिष्य का रिश्ता हमेशा अमूल्य और अटूट रहता है। छिंदवाड़ा में आयोजित यह आयोजन शिक्षा और संस्कारों की अमर गाथा बन गया।















